चंदौली और बनारस को जोड़ेगा सिग्नेचर ब्रिज, जल्द जारी होने जा रहा है टेंडर
मालवीय पुल के करीब बनेगा ब्रिज
कुल लागत 2500 करोड़ रुपये आने की उम्मीद
वाराणसी और चंदौली को जोड़ने के लिए खास पहल
गंगा पर बनेगा 1 किमी लंबा सिग्नेचर ब्रिज
जाम की समस्या से मिलेगी निजात
चंदौली और वाराणसी के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए गंगा नदी पर जल्द ही एक और पुल का निर्माण शुरू होने वाला है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, मालवीय पुल से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर एक किलोमीटर लंबा 'सिग्नेचर ब्रिज' बनाया जाएगा। इस पुल का निर्माण सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है और इसकी कुल लागत 2500 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना को 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
सिग्नेचर ब्रिज की खास बातें
यह नया सिग्नेचर ब्रिज, जिसका निर्माण रेलवे कर रहा है, 1074 मीटर लंबा होगा और इसे आठ मजबूत पिलरों पर खड़ा किया जाएगा। यह पुल यातायात की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसमें छह लेन की सड़क और चार लेन का रेलवे ट्रैक होगा, जिससे सड़क और रेल दोनों तरह के यातायात को सुविधा मिलेगी।

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस पुल की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पहले ही तैयार हो चुकी है और अब मुख्यालय स्तर पर इसकी अंतिम तैयारियां चल रही हैं। जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी किया जाएगा।
यातायात में बड़ा बदलाव
सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण से वाराणसी के यातायात पर पड़ने वाला भारी दबाव कम होगा। यह पुल न केवल वाराणसी और चंदौली को जोड़ेगा, बल्कि मिर्जापुर, सोनभद्र और बिहार की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए भी यात्रा को बेहद आसान बना देगा। वर्तमान में मालवीय पुल पर अक्सर जाम की स्थिति रहती है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। नया पुल इस समस्या का समाधान करेगा और यात्रा के समय को काफी कम कर देगा।
एडीआरएम ने जानकारी दी है कि यह परियोजना रेलवे मुख्यालय के स्तर पर लगातार मॉनिटर की जा रही है और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिग्नेचर ब्रिज सिर्फ एक यातायात का साधन नहीं होगा, बल्कि वाराणसी की पहचान में एक नया अध्याय जोड़ेगा। अपनी विशिष्ट डिजाइन और सुंदरता के कारण यह पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण केंद्र भी बन सकता है। इससे वाराणसी के पर्यटन को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग और सौंदर्य का एक शानदार उदाहरण साबित होगा।
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