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रेशम रत्न सम्मान पाने का है मौका, 10 अक्तूबर तक करना है अप्लाई

रेशम का उत्पादन करने वाले किसानों को पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्तूबर निर्धारित की गई है।
 

रेशम का उत्पादन करने वाले किसानों का होगा सम्मान

पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान से किया जाएगा सम्मानित

10 तारीख तक कर सकते हैं आवेदन

चंदौली जिले में रेशम का उत्पादन करने वाले किसानों को पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्तूबर निर्धारित की गई है।


इस सम्बन्ध में उप निदेशक नागेंद्र राय ने बताया कि वर्ष 2024-25 में रेशम उत्पादन और संबंधित क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वालों को पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान दिया जाएगा। यह सम्मान 8 अलग-अलग श्रेणियों में दिया जाएगा। इसका उद्देश्य रेशम उद्योग में इनोवेशन, प्रोडक्शन और डिजाइनिंग को प्रोत्साहन देना है। 

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उप निदेशक ने बताया कि कोकून उत्पादन, रेशम फिनिश्ड प्रोडक्ट में नवाचार, सर्वोच्च कोया या धागा विक्रय, सर्वोच्च फिनिश्ड प्रोडक्ट विक्रय, रेशम निर्मित परिधान, सर्वोत्तम डिजाइनिंग और लाइफटाइम एचीवमेंट जैसी श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाएगा। 

प्रथम पुरस्कार में 50,000 और द्वितीय पुरस्कार में 25,000 रुपये की धनराशि के साथ प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। सम्मान के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर निर्धारित की गई है। इच्छुक किसान अपने आवेदन पत्र रेशम निदेशालय की वेबसाइट sericulture.up.gov.in और रेशम मित्र पोर्टल resham- mitraup.in पर जमा कर सकते है।

आपको बता दें कि रेशम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नौगढ़ के वन क्षेत्र में 500 किसान हैं, जो अर्जुन के पेड़ से पारंपरिक तरीके से रेशम तैयार करते हैं। नागेंद्र राय ने बताया कि चंदौली, वाराणसी सहित पूर्वाचल के कई जिलों में अर्जुन, सहतूत और अरंडी के पेड़ से रेशम के साथ औषधियां तैयार कर दोहरी आमदनी कर रहे हैं। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण और योजनाओं के तहत आर्थिक मदद दी जाती है।

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