चंदौली में स्मार्ट कंट्रोल रूम और साइबर सेल भवन का शुभारंभ, होंगे कई फायदे
पुलिस की तकनीकी क्षमताओं को और सुदृढ़ बनाने की कोशिश
अपराध नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और साइबर सुरक्षा को मिलेगा नया आयाम
अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया ने किया शुभारंभ
डीआईजी वैभव कृष्ण और पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे रहे मौजूद
चंदौली जनपद में पुलिस की तकनीकी क्षमताओं को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गुरुवार को शिविर पुलिस लाइन परिसर में नवनिर्मित सीसीटीवी स्मार्ट कंट्रोल रूम और साइबर सेल भवन का शुभारंभ किया गया। यह आधुनिक सुविधा जिला पंचायत के सहयोग से तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य अपराध नियंत्रण, यातायात व्यवस्था सुधार और साइबर अपराधों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना है। जिला प्रशासन और पुलिस के संयुक्त प्रयास से तैयार यह परियोजना आने वाले समय में चंदौली को स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में एक कदम आगे ले जाएगी।

शुभारंभ में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया, वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक वैभव कृष्ण और चंदौली के पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने संयुक्त रूप से रिबन काटकर इस परियोजना का उद्घाटन किया। अधिकारियों ने कंट्रोल रूम और साइबर सेल में स्थापित तकनीकी उपकरणों का निरीक्षण किया और वहां कार्यरत कर्मियों को दिशा-निर्देश दिए।

जिले भर में 88 हाई-टेक कैमरों की निगरानी
जनपद के 27 प्रमुख स्थानों, बाजारों और अंतर्राज्यीय बॉर्डर पर सुगम यातायात और अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जिला पंचायत, यातायात विभाग और स्थानीय थानों के सहयोग से 36 एएनपीआर कैमरे, 47 बुलेट कैमरे और 5 पीटीजेड कैमरे लगाए गए हैं। एएनपीआर तकनीक वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर उनके रिकॉर्ड से मिलान करने में सक्षम है, जिससे संदिग्ध और अपराध से जुड़े वाहनों की पहचान आसान हो जाएगी।

स्मार्ट कंट्रोल रूम की भूमिका
कंट्रोल रूम से पूरे जिले में लगाए गए सभी कैमरों की रियल टाइम निगरानी की जाएगी। इसके जरिए—
अपराध की घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया संभव होगी।
बाजारों, सार्वजनिक स्थलों और यातायात केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
आपात स्थिति जैसे आग, चोरी या दुर्घटनाओं में तत्काल सहायता पहुंचाई जा सकेगी।
फुटेज से अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में मदद मिलेगी।
यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित और सरल बनाया जाएगा।

साइबर सेल को मिला नया भवन और आधुनिक उपकरण
नवनिर्मित भवन में साइबर सेल के लिए अत्याधुनिक कंप्यूटर, सर्वर, डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम और विश्लेषण सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। इससे साइबर अपराधों के मामलों की जांच तेज और सटीक हो सकेगी।
शुभारंभ कार्यक्रम में एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में साइबर सेल को मजबूत करना बेहद जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग करते हुए जनता को त्वरित और प्रभावी सेवा प्रदान की जाए।

लंबित मामलों की समीक्षा
शुभारंभ के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने साइबर सेल में लंबित मामलों की प्रगति रिपोर्ट देखी और विवेचकों को जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि साइबर अपराधों में त्वरित कार्रवाई और दोषियों को जल्द न्यायालय तक पहुंचाना प्राथमिकता होगी।
जनसुरक्षा में अहम योगदान
पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने कहा कि स्मार्ट कंट्रोल रूम और साइबर सेल की स्थापना से न केवल अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी, बल्कि आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना भी मजबूत होगी। यातायात व्यवस्था में सुधार, आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और साइबर अपराधों पर अंकुश—इन सभी क्षेत्रों में यह पहल मील का पत्थर साबित होगी।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक सदर अनन्त चन्द्रशेखर (IPS), अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन दिगम्बर कुशवाहा, सभी क्षेत्राधिकारी, प्रतिसार निरीक्षक और पुलिस कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
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