चंदौली समाचार की खबर का असर : चकरघट्टा थाने से भागा सिपाही, अब फंस गए हैं एसओ साहब
वसूली पर चल गया एसपी का चाबुक
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वसूली की डीलिंग
पुलिस के सिपाही की काली करतूत उजागर
एसपी ने दर्ज कराया भ्रष्टाचार का मुकदमा
चंदौली जिले के चकरघट्टा थाना में बंद गौ तस्करों को छुड़ाने के मामले में रिश्वत के तौर पर 60 हजार रुपये मांगने का ऑडियो वायरल होने पर एसपी डॉ अनिल कुमार ने आरोपी सिपाही संजय यादव को निलंबित कर दिया है।
साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में रात में ही मुकदमा दर्ज कराकर सीओ नौगढ़ को जांच के निर्देश दिए हैं।
मामले में बताया जा रहा है कि थाने में केस दर्ज होने के बाद से सिपाही फरार है। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि सिपाही संजय यादव को भगाने में थानाध्यक्ष चकरघट्टा की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। हालांकि सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा ने कांस्टेबल की गिरफ्तारी न होने पर थाना प्रभारी को अंजाम भुगतने को कहा है। चकरघट्टा पुलिस फरार सिपाही की गिरफ्तारी की कोशिश में लगी है।
आरोप है कि थाने का कारखास हल्का सिपाही संजय यादव फरियादियों के किसी भी मामले में कार्रवाई करने के बजाय, सुलह की बात दोनों पक्षों से करता था। उसे थाने का डीलिंग करने वाला सिपाही कहा जा रहा है। वह मामले को लेनदेन करके सुलटाने में माहिर कहा जा रहा है। स्थानी लोगों का कहना है कि चकरघट्टा थाने के इलाके में गौवंश के तस्करी का धंधा तेजी से फल फूल रहा है। ऐसे सारे धंधे को इसी सिपाही का संरक्षण प्राप्त था और यह अपने ऊपर के अधिकारियों को सेट करके डीलिंग किया करता था।
तस्करों को पकड़ने के बाद बिचौलियों के माध्यम से छुड़ाने हेतु सिपाही के मोलभाव करने का एक आडियो रिकॉर्ड होने के बाद वायरल होने लगा। ऑडियो में सिपाही संजय यादव एक महिला से तय राशि 60 हजार रुपये की मांग करते हुए सुना जा रहा है।
उसका कहना था कि साहब का भी शेयर उसी में है। महिला से गौवंशों की तस्करी के बदले कच्ची शराब में जेल भेजकर मामला शांत करने की बात कही है । इसी ऑडियो को कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री सहित पुलिस अधीक्षक के ट्वीट पर टैग करके पोस्ट कर दिया।
इंटरनेट मीडिया पर ऑडियो वायरल होने के बाद सिपाही संजय यादव को निलंबित करते हुए । पुलिस अधीक्षक ने उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की प्रचलित धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया है।
चकरघट्टा थाने में तैनात सिपाही का ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें लेनदेन की बात सामने आई है। इसी प्रकरण में सिपाही को निलंबित कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।
बता दें कि संजय यादव सिपाही रहते हुए बलुआ थाना के मारूफपुर चौकी पर जब तैनात थे तो बालू तस्करी के मामले में भी चर्चित रहा था।,उसके बाद इन्हें शहाबगंज थाने पर तैनात किया गया, लेकिन वहां भी उसके कई कारनामे जाहिर होने के कारण उसे लाइन हाजिर कर दिया गया था ,और पनिशमेंट के तौर पर इन्हें पुलिस लाइन से चकरघट्टा थाने पर तैनात किया गया था ।जहां इनके कारनामे जारी थे जिसका यह नतीजा सामने आया।
इस मामले में जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकारी नक्सल ऑपरेशन कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जा रही है, लेकिन सिपाही के फरार होने के मामले में उन्होंने अभी तक कुछ भी नहीं कहा है।
अब देखना है कि ऐसा कृत्य करने वाला सिपाही कितने दिन तक फरार रहता है या पुलिस अन्य अपराधियों की तरह उसे भी गिरफ्तार करके जेल भेज देती है।
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