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...कहीं इसलिए तो नहीं हो रही है सकलडीहा में कोतवाल की पोस्टिंग

जिले में तैनात पुराने दिग्गजों में से वह किसी को कोतवाली या पुलिस चौकी पर तैनात नहीं करना चाहते है, बल्कि वह किसी नए पुलिस अफसर की तलाश कर रहे हैं, जो जिले में नया आया हो।
 

कोतवाल सहित दो चौकी इंचार्ज की कुर्सी खाली

 जुगाड़ के सहारे चल रहा थाना

 पुलिस चौकी चलाने को नहीं मिल रहे इमानदार सब इंस्पेक्टर

 लगता है काफी उलझन में हैं कप्तान साहब

चंदौली जिले की सकलडीहा कोतवाली के कोतवाल के साथ-साथ नई बाजार की पुलिस चौकी और चकिया कोतवाली क्षेत्र के सैदुपुर पुलिस चौकी के प्रभारी की कुर्सी अभी तक खाली है। यहां पर पुलिस कप्तान को योग्य और कर्मठ पुलिस अधिकारियों की तलाश है, जिन्हें अभी तक 5 दिनों में कप्तान साहब खोज नहीं पाए हैं। वह जुगाड़ के सहारे इनको चला रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि या तो यहां पर कोई जाना नहीं चाहता है या फिर कप्तान साहब की नजर में जिले में ऐसे पुलिस अफसर नहीं दिख रहे हैं जो इन जगहों पर फिट बैठ सके।

हालांकि सकलडीहा कोतवाली के कोतवाल अनिल कुमार पांडेय को हटाने के बाद सकलडीहा कोतवाली में विमलेश मौर्या को सकलडीहा कोतवाली के इंस्पेक्टर (क्राइम) के रूप में नया प्रभार दिया गया है और उनको ही अगली व्यवस्था तक कोतवाल के रूप में काम देखने का आदेश दिया गया है।  

ऐसे होती है पोस्टिंग में किचकिच
जिले में कोतवाली व थानों पर तैनाती में जातिगत समीकरण और गुणागणित फिट की जाती है। ऐसी चर्चा फैलायी जा रही है कि सकलडीहा में किसी ब्राह्मण या क्षत्रिय कोतवाल फिट करने का उपर से दबाव है और जिले में साहब को इन बिरादरियों में ऐसा कोई तीरंदाज नहीं मिल रहा है, जिस पर साहब आंख मूद कर भरोसा कर सकें। ब्राह्मण के बदले ब्राह्मण कोतवाल की तैनाती का फार्मूला है। लेकिन ऐसा लगता है कि कई बार से सकलडीहा में पंडितजी ही तैनात किए जाते रहे हैं। अबकी बार फिर से किसी ब्राह्मण की तैनाती का राजनीतिक महकमे में विरोध हो सकता है, क्योंकि मुगलसराय व सैयदराजा में पहले से ही दो पंडितजी तैनात हैं। वहीं अलीनगर, धानापुर, बलुआ और चंदौली में ठाकुर साहब तैनात हैं। लगता है साहब इसी उलझन में साहब परेशान हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि जिले में तैनात पुराने दिग्गजों में से वह किसी को कोतवाली या पुलिस चौकी पर तैनात नहीं करना चाहते है, बल्कि वह किसी नए पुलिस अफसर की तलाश कर रहे हैं, जो जिले में नया आया हो। ऐसे में नए लोगों में से किसी की लाटरी लग सकती है। 

ऐसी भी चर्चा है कि उनको जिले में ऐसे भरोसेमंद पुलिस अफसर नहीं मिल पा रहे हैं, जिनकी कार्यशैली और काबिलियत पर उन्हें भरोसा हो। इसीलिए नई बाजार और सैदुपुर पर पुलिस चौकी के साथ-साथ सकलडीहा कोतवाल के रूप में किसी को स्थाई रूप से तैनात नहीं किया जा सका है।

पहले साहब ने नहीं उठाया फोन
 इस संदर्भ में बात करने के लिए कोई पुलिस अफसर तैयार नहीं है, जिससे साफ साफ यह पता चल पाये कि थानों व पुलिस चौकियों को खाली क्यों रखा गया है। चंदौली जिले में काबिल पुलिस अफसरों की कमी है या जो पुलिस अफसर हैं, उन पर कप्तान साहब को भरोसा नहीं है। आखिर चंदौली जिले की एक कोतवाली और दो पुलिस चौकी को 5 दिन से अधिक समय तक खाली क्यों रखा गया है। इसके पीछे वजह चाहे जो हो, अभी तक तैनाती इन जगहों पर तैनाती न होना भी कई सवालों को जन्म दे रहा है। 

कुछ ऐसा बोले कप्तान साहब
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल द्वारा बताया गया कि सकलडीहा कोतवाली प्रभारी के का अतिरिक्त प्रभार अपराध निरीक्षक को दिया गया है और उन्हें यह भी निर्देशित किया गया है कि नई बाजार चौकी के कार्य के लिए थाने के किसी उप निरीक्षक को लगाया जाए और जनता की समस्याओं का समाधान कराया जाए। वहीं चकिया कोतवाली के उपनिरीक्षक से सैदुपुर पुलिस चौकी का कार्य करवाया जा रहा है। जल्द ही प्रभारियों की तैनाती कर दी जाएगी।

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