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कुंडा खुर्द में STP निर्माण में आएगी तेजी, मौके पर जमीन की रजिस्ट्री हो गयी शुरू

नियामताबाद ब्लाक के कुंडा खुर्द गांव के बाहर 45 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण कराया जाना है। इस पर तकरीबन 265 करोड़ रुपये खर्च किए जाने है। नगर पालिका इसके लिए कुंडा खुर्द में 25 किसानों से जमीन की रजिस्ट्री भी करा चुका है।
 

नियामताबाद ब्लाक के कुंडा खुर्द गांव के पास बनना है एसटीपी

दस वर्षों से लंबित एसटीपी योजना को मिली नई दिशा

गंगा में गिर रहे कचरे और गंदे पानी को रोकने के लिए हो रहा काम 

चंदौली जिले की मुगलसराय नगर पालिका अंतर्गत कुंडा खुर्द गांव में बनने वाले बहुप्रतिक्षित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण प्रक्रिया की कवायद तेज हो गई है। इसके निर्माण के लिए जहां नगर पालिका प्रशासन जमीनों की रजिस्ट्री कराना शुरू कर दिया है, वहीं गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने इसके टेंडर एप्रूवल के लिए नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा को पत्र भेजा है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू होगा।

आपको बता दें कि पीडीडीयू नगर पालिका अंतर्गत एसटीपी निर्माण की पहल करीब दस साल पहले शुरू हुई। इसे लेकर रेलवे और नगर पालिका के बीच कई दौर की बैठकें हुई। बीच में रेलवे ने जमीन देने पर भी सहमति जताई थी लेकिन बाद में जमीन देने से मना कर दिया। इससे एसटीपी निर्माण का मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया था। इधर दो साल फिर इसके निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। अब काम भी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। नियामताबाद ब्लाक के कुंडा खुर्द गांव के बाहर 45 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण कराया जाना है। इस पर तकरीबन 265 करोड़ रुपये खर्च किए जाने है। नगर पालिका इसके लिए कुंडा खुर्द में 25 किसानों से जमीन की रजिस्ट्री भी करा चुका है। वहां कुल लगभग 72 किसानों से जमीन की खरीद करनी है। इसके लिए करीब दो हेक्टेयर जमीन की जरूरत है।

नगर और रेलवे से रोजा निकलता है 30 एमएलडी सीवेज

पीडीडीयू नगर की आबादी करीब पौने तीन लाख है। नगरीय इलाके से रोजाना करीब 25 एमएलडी और रेलवे कालोनियों से लगभग पांच एमएलडी सीवेज रोजाना निकलता है। पीडीडीयू नगर पालिका अंतर्गत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं है। नगर से बड़े और छोटे कई नाले निकलते हैं। जिनके माध्यम से पानी नगर के बाहर होकर गंगा में गिरता है। अब तक एसटीपी निर्माण नहीं होने से जल शोधन का मुकम्मल और स्थायी इंतजाम नहीं हो पाया है। हालांकि नगर पालिका की ओर से नगर के दो बड़े नालों से निकलने वाले गंदे पानी का शोधन कराया जा रहा है। बायो रेमिडिएशन के माध्यम से नालों के पानी को शोधन कर आगे के लिए छोड़ा जाता है। ताकि गंदे पानी में बीमारी जनित और प्रदूषणयुक्त पानी गंगा तक न पहुंच सके।

इस संबंध में गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष कुमार ने बताया कि पीडीडीयू नगर पालिका सहित आसपास के सीवेज निस्तारण के लिए कुंडा खुर्द गांव गांव के पास एसटीपी का निर्माण कराया जाना है। टेंडर एप्रवल के लिए दिल्ली पत्र भेजा गया है। वहां से स्वीकृति मिलते ही आगे निर्माण की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। 45 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी पर करीब 265 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।

इस संबंध में नगर पालिका ईओ अविनाश कुमार नेबतया कि नगर पालिका अंतर्गत विभिन्न वाडाँ से निकलने वाले सीवेज प्लांट के लिए जमीन की रजिस्ट्री कराई जा रही है। अब तक 25 किसानों से जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है। जमीन लेने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अधिग्रहण कर निर्माण शुरू कराया जाएगा।

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