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जबरन टैगिंग पर सख्ती, सहमति से ही दें उर्वरक: किसानों के हित में कृषि विभाग का बड़ा निर्देश

जिन किसानों को पांच या उससे अधिक बोरी उर्वरक की आवश्यकता है, उन्हें अपनी बोई गई फसलों की जानकारी और खतौनी के आधार पर उर्वरक प्रदान किया जाएगा।
 

उर्वरक के साथ जबरन टैगिंग पर लगेगा ब्रेक

नियम तोड़ने पर होगी कानूनी कार्रवाई

खरीदते समय किसान अवश्य ले जाएं आधार कार्ड और खतौनी

कैश मेमो न देने वाले विक्रेताओं पर कसेगा शिकंजा

यूरिया सहित सभी उर्वरक जनपद में भरपूर मात्रा में उपलब्ध - ऐसा है जिला कृषि अधिकारी का दावा

चंदौली जिले में उर्वरक की बिक्री व्यवस्था को पारदर्शी और किसान हितैषी बनाने के लिए जिला कृषि विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसान की सहमति के बिना कोई भी दुकानदार खाद (उर्वरक) के साथ अन्य उत्पाद जैसे सल्फर, जिंक आदि की टैगिंग जबरन न करे। यदि किसी किसान से उसकी इच्छा के विरुद्ध अन्य उत्पाद जबरदस्ती बेचे गए, तो संबंधित विक्रेता के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं

अधिकारी ने बताया कि जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। किसानों को 17836.31 मैट्रिक टन यूरिया, 5076.17 मैट्रिक टन डीएपी, 848.3 मैट्रिक टन पोटाश, 2329.6 मैट्रिक टन एनपीके और 10873.72 मैट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है। निजी कंपनियों की रैक से 40% उर्वरक पीसीएफ के माध्यम से आपूर्ति की जाएगी।

खाद खरीदने के लिए ले जाएं आधार और खतौनी

किसानों से अपील की गई है कि उर्वरक खरीदते समय अपने साथ आधार कार्ड और भूमि की खतौनी अवश्य लेकर जाएं। विक्रेता उर्वरक वितरण से पहले पीओएस मशीन पर किसान की पहचान की पुष्टि करते हुए ही खाद का वितरण करेंगे। साथ ही पीओएस से प्राप्त रसीद/कैश मेमो भी अवश्य लें, जिससे भविष्य में कोई विवाद की स्थिति न बने।

पांच बोरी से अधिक लेने पर विशेष प्रक्रिया

जिन किसानों को पांच या उससे अधिक बोरी उर्वरक की आवश्यकता है, उन्हें अपनी बोई गई फसलों की जानकारी और खतौनी के आधार पर उर्वरक प्रदान किया जाएगा। इस प्रक्रिया को वितरण रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य होगा। सभी प्रतिष्ठानों पर रेट बोर्ड और स्टॉक की जानकारी प्रदर्शित करना जरूरी है, जिससे किसानों को कोई भ्रम या धोखा न हो।

टैगिंग की शिकायत कहां करें?

यदि कोई विक्रेता यूरिया या अन्य उर्वरकों के साथ जबरदस्ती कोई अन्य उत्पाद देता है, तो किसान 7839882312 नंबर पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत की पुष्टि के बाद संबंधित दुकानदार के खिलाफ कीटनाशी अधिनियम 1968 और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत सीजिंग और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

किसानों से सीधी अपील

जिला कृषि अधिकारी ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे केवल अपनी फसल की आवश्यकतानुसार ही उर्वरक खरीदें और किसी भी दबाव में न आएं। यदि कोई विक्रेता नियमों की अनदेखी करता है, तो उसकी शिकायत करने में झिझकें नहीं।

यह पहल न केवल किसानों के अधिकारों की सुरक्षा करेगी, बल्कि उर्वरक व्यापार में पारदर्शिता और अनुशासन भी सुनिश्चित करेगी। चंदौली कृषि विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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