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राइट टू एजुकेशन के तहते सेलेक्ट बच्चों से फीस मांग रहे थे स्कूल वाले, डीएम के पहुंचे बच्चे

छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनका चयन राइट टू एजुकेशन के तहत हुआ था, लेकिन संचालक शासन के नियमों को ताक पर रखकर प्रत्येक छात्र से 18 सौ रुपये फीस की डिमांड करने लगे और परीक्षा देने से मना कर रहे हैं।
 

ब्लॉसम एकेडमी के प्रधानाचार्य की मनमानी

राइट टू एजुकेशन के तहत सेलेक्ट बच्चों को कर रहे परेशान

 फीस वसूली के लिए बना रहे हैं दबाव

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दी चेतावनी

चंदौली के शास्त्री नगर स्थित ब्लॉसम एकेडमी के प्रधानाचार्य ने गुरूवार को एक दर्जन से अधिक छात्रों पर फीस जमा करने का दबाव बनाकर सभी को परीक्षा केंद्र से बाहर निकाल दिया। इसके बाद नाराज छात्र अपने परिजनों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर आ धमके और शिकायत करते हुए कहा कि उनका विद्यालय में पढ़ने के लिए चयन राइट टू एजुकेशन के तहत हुआ है, फिर प्रधानाचार्य मनमानी करते हुए फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं।

 Education Fee Demand

छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनका चयन राइट टू एजुकेशन के तहत हुआ था, लेकिन संचालक शासन के नियमों को ताक पर रखकर प्रत्येक छात्र से 18 सौ रुपये फीस की डिमांड करने लगे और परीक्षा देने से मना कर रहे हैं। ऐसे में नाराज छात्र और ‌अभिवावक पॉलीटेक्निक कालेज परिसर स्थित डीएम आवास पर पहुंच गए। जहां पर हंगामा बढ़ता देख घंटे भर बाद पहुंचे बीएसए ने छात्रों को समझाकर वापस भेज दिया और विद्यालय संचालक को चेतावनी देते हुए बच्चों को परेशान न करने को कहा।

दरअसल, शिक्षा विभाग के द्वारा हर साल गरीब बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयन किया जाता है। चयन के बाद छात्रों को स्कूल का आवंटन किया जाता है। जहां छात्रों को बगैर कोई फीस लिए शिक्षा देने का प्राविधान है। लेकिन जिला मुख्यालय के ब्लॉसम एकेडमी में राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत चयनित छात्रों के साथ प्रधानाचार्य का व्यवहार नाकारात्मक रहा।

 Education Fee Demand

 गुरूवार को डीएम आवास पर पहुंचे छात्र सरफराज अहमद ने बताया कि प्रधानाचार्य फीस की डिमांड कर रहे हैं। मना करने पर उनको परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया।

जिलाधिकारी के आवास पर पहुंचे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह का कहना है कि  स्कूल संचालक से बातचीत करके कड़ी चेतावनी दी गयी है और सभी छात्रों और अभिवावकों को समझा बुझाकर स्कूल भेजा गया है। इनसे किसी तरह की ज्यादती नहीं की जाएगी।

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