स्वामित्व योजना के तहत 62 हजार लोगों को मिलेगा मालिकाना हक, ये होंगे लोगों को फायदे
चंदौली जिले में स्वामित्व योजना की बड़ी पहल
ग्रामीण आबादी की जमीन पर अधिकार दिलाने की योजना
अब तक 1,232 गांवों का ड्रोन सर्वे हुआ पूरा
चंदौली जिले में दूसरे चरण के तहत स्वामित्व योजना के तहत जिले के 62 हजार 368 लोगों को मालिकाना हक का प्रमाण पत्र मिलने जा रहा है। यह योजना उन ग्रामीण लोगों के लिए है जो आबादी की जमीन पर दस साल से अधिक समय से निवास कर रहे हैं। इस योजना के तहत ग्रामीण आबादी के जमीन पर अधिकार दिलाने के लिए स्वामित्व योजना के तहत राजस्व विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से ड्रोन सर्वेक्षण किया जा रहा है। अब तक 1232 गांवों का सर्वे किया जा चुका है।
आपको बता दें कि स्वामित्व योजना के तहत चकिया तहसील के 342, सदर तहसील के 271, नौगढ़ के 89, पीडीडीयू नगर के 160 और सकलडीहा तहसील के 370 गांवों का सर्वेक्षण किया गया है। ड्रोन तकनीक के माध्यम से इस सर्वेक्षण को अंजाम दिया गया है, जिससे यह काम अधिक सटीकता से और पारदर्शिता के साथ किया गया है।
इस योजना के पहले चरण में 53,929 लोगों को मालिकाना हक का प्रमाण पत्र दिया गया था, और अब दूसरे चरण में 62,368 लोगों को यह प्रमाण पत्र मिलेगा। यह प्रमाण पत्र उन लोगों को मिलेगा जो पिछले दस सालों से अधिक समय से उन जमीनों पर रह रहे हैं, जिन पर उनका अधिकार नहीं था। अब उन्हें यह प्रमाण पत्र मिलने से वे अपने घरों के मालिक बन जाएंगे और उनकी संपत्ति को कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त होगी।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के स्वामित्व तय करना है। केंद्र सरकार की पंचायती राज मंत्रालय ने स्वामित्व योजना के तहत अब ग्रामीण इलाकों की 1.37 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों को मॉनेटाइज करके क्रेडिट एक्सेस के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। भारत सरकार की स्वामित्व स्कीम का फायदा ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले उन लोगों को होगा, जिन्होंने अपनी जमीन पर घर बना लिए हैं. उनके पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वह घर उनका है। भारत सरकार सर्वे कराकर उन लोगों को संपत्ति कार्ड सौंपेगी, जिससे आगे चलकर वह इस बात को साबित कर पाएंगे कि वह अगर उनका ही है। इससे उनको आगे भी फायदा होगा।
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