TET अनिवार्यता से भड़के शिक्षक, 16 सितंबर को सड़कों पर उतरने का बना लिया है प्लान
जिला मुख्यालय पर प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक
सरकार के नए फैसले से शिक्षकों में आक्रोश
25–30 साल सेवा के बाद भी TET अनिवार्य
16 सितंबर को प्रदर्शन कर सौंपेंगे ज्ञापन
चंदौली जिले के प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक मंगलवार को जिला मुख्यालय पर हुई, जिसमें टीईटी (टेट) कराने के फैसले से नाराज शिक्षकों ने विरोध तेज करने का निर्णय लिया। संघ ने 16 सितंबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने और प्रधानमंत्री व शिक्षामंत्री को डीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया। साथ ही बीएसए सचिन कुमार से मिलकर पत्रक सौंपते हुए अपनी आपत्तियों से अवगत कराया।
लंबे समय से कार्यरत शिक्षकों में नाराजगी
जिलाध्यक्ष आनन्द सिंह ने बताया कि 1 सितंबर को सरकार ने गैर-टेट शिक्षकों को 25–30 साल की सेवा पूरी करने के बावजूद दो साल के भीतर टेट पास करने का आदेश दिया है, अन्यथा उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। इस निर्णय से शिक्षक आहत हैं। यही कारण है कि 5 सितंबर को शिक्षकों ने शिक्षक दिवस भी नहीं मनाया।
पुरानी भर्ती प्रक्रिया का हवाला
उन्होंने कहा कि नियुक्ति के समय हर कर्मचारी के लिए न्यूनतम अर्हता तय होती है। 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को एनसीटीई ने टेट से छूट दी थी। वहीं बीएड डिग्री धारकों को छह महीने के ब्रिज कोर्स कराकर विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से वैध माना गया था। लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अब सभी शिक्षकों को टेट देना अनिवार्य कर दिया गया है।
16 सितंबर को विरोध प्रदर्शन
इस फैसले से क्षुब्ध शिक्षक अब 16 सितंबर को जोरदार प्रदर्शन करेंगे और अपनी नाराजगी दर्ज कराएंगे। उनका कहना है कि वर्षों तक सेवा देने के बाद अब टेट थोपना नाइंसाफी है।
बैठक में जयनारायण यादव, राजीव यादव, प्रदीप सिंह, यशवर्धन सिंह, अजय गुप्ता, विवेक सिंह, रणजीत राम और प्रवीण कुशवाहा समेत कई शिक्षक मौजूद रहे।
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