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शिक्षकों ने सांसद व विधायक से लगायी गुहार, मांगा ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में सहयोग

सरकार का यह सुनियोजित प्रयास है कि अध्यापकों को कामचोर साबित किया जा सके, जिसे अध्यापक समुदाय कतई बर्दाश्त नहीं करेगा ।
 

अव्यावहारिक रूप से लागू किया जा रहा है डिजिटाइजेशन

आदेश के विरोध में सांसद और विधायकको दिया ज्ञापन

विरोधी दल के नेताओं से मांगा जा रहा है सहयोग

चंदौली जिले के उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ जनपद चंदौली का एक प्रतिनिधि मंडल जिलाध्यक्ष आनन्द कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में  सांसद चंदौली वीरेंद्र सिंह और  विधान परिषद सदस्य वाराणसी (MLC)आशुतोष सिन्हा  से मिलकर सरकार द्वारा जारी किए डिजिटाइजेशन शासनदेश के विरोध से संबंधित पत्रक सौंपा।

बताया जा रहा है कि पत्रक पर चर्चा के दौरान जिलाध्यक्ष द्वारा माननीय सांसद महोदय का ध्यान इसके अव्यावहारिक पक्ष पर दिलाया गया और उन्हें बताया गया कि कैसे यह सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों द्वारा कर पाना दुरूह और कष्टकारी होगा तथा यह व्यवस्था आगे चलकर शिक्षक और कर्मचारियों के शोषण का माध्यम बनेगी।

साथ में बताया कि सरकार का यह सुनियोजित प्रयास है कि अध्यापकों को कामचोर साबित किया जा सके, जिसे अध्यापक समुदाय कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और इस शासनादेश के वापसी तक सभी शिक्षक और कर्मचारी इसका विरोध करते रहेंगे। उच्चाधिकारियों के सम्मुख अनेकों बार अध्यापकों से जुड़े मुद्दे उठाए जा रहे हैं, पर वे इसकी समाधान के बजाय नित नए आदेश जारी करके शिक्षकों को शिक्षण कार्य से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे समाज में शिक्षकों के प्रति नकारात्मक माहौल बन रहा है। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ प्रारंभ से ही शिक्षक हित के लिए लड़ा है और आगे भी लड़ेगा।

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वहीं माननीय विधान परिषद सदस्य वाराणसी आशुतोष सिन्हा से मिलकर उन्हें शिक्षक समस्याओं को लगातार सदन के पटल पर रखे जाने और उचित मंचों पर जोरदार तरीके से  शिक्षकों की आवाज बनने के लिए उन्हें साधुवाद प्रेषित किया गया और माननीय से अनुरोध किया गया कि सदन के पटल पर संगठन की निम्न्वत मांग को रखा जाए और इसे पूरा कराया जाने में अपना सहयोग प्रदान करें ।

1- शिक्षकों से मात्र शिक्षण कार्य (पठन पाठन) लिया जाए तथा अन्य गैर शैक्षिणक कार्य नही कराया जाए ।
2- अन्य कर्मचारियों की भांति ही परिषद के शिक्षकों को अर्द्ध दिवसीय आकस्मिक अवकाश, अर्जित अवकाश, प्रतिकर अवकाश अनुमन्य किया जाए ।
3- अधिकतर परिषदीय विद्यालय ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों में अवस्थित है जहां प्रतिकूल परिस्थितियों में समय से प्रतिदिन पहुंच पाना एक बड़ी चुनौती है । अतः परिषदीय विद्यालय के अध्यापकों , शिक्षामित्रों अनुदेशकों ,कर्मचारियों के तीन दिन विलम्ब से उपस्थित होने पर उनका एक आकस्मिक अवकाश समायोजित कर लिया जाए ।
4- सभी शिक्षा मित्र तथा अनुदेशकों को समान कार्य समान वेतन के आधार पर समायोजित किए जाएं  ।
5- विद्यालय के महिला शिक्षक ,शिक्षामित्र, अनुदेशक की सुरक्षा को।ध्यान में रखते हुए टाइम एंड मोशन में बढ़ाए गए शिक्षण समय अवधि को पूर्ववत किया जाए ।
6- विगत लंबे समय से शिक्षकों और कर्मचारियों अवरुद्ध पदोन्नति और अंतः जनपदीय स्थानांतरण शुरू किया जाए ।
7- विद्यालय के समस्त कार्य यथा मासिक बैठक, शिक्षक संकुल बैठक इत्यादि विद्यालय समय अवधि में कराई जाए ।

बताया जा रहा है कि इन सभी मांगों से संबंधित चर्चा में दोनों माननीय द्वारा उचित मंच और स्थान पर पत्र प्रेषित करने के साथ सदन में उठाए जाने की बात कही गई और सदैव शिक्षक और कर्मचारियों के हितलाभ में खड़ा रहने का आश्वासन दिया गया है।
     
इस अवसर पर मांडलिक सहसंयोजक संजय सिंह शक्ति, जिला महामंत्री सुनील कुमार सिंह, जिला कोषाध्यक्ष शशि कांत गुप्ता, जिला मीडिया प्रभारी बलराम पाठक, नियमताबाद ब्लॉक अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियामताबाद हिमांशु तिवारी, शेषधर तिवारी, संजय यादव, सत्यप्रकाश यादव, पंकज राय, दिनेश तिवारी आदि अध्यापक साथी उपस्थित रहे।

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