संयुक्त शिक्षक मोर्चा चंदौली का प्रदर्शन, ऑनलाइन हाजिरी का हुआ संपूर्ण विरोध

नई पॉलिसी के खिलाफ लामबंद हुए शिक्षक-शिक्षिकाएं
ऑनलाइन हाजिरी का किया विरोध
शिकायत करते हुए डीएम साहब को सौंपा ज्ञापन
चंदौली जिले में जिला मुख्यालय चंदौली विकास भवन के सामने धरना स्थल पर हजारों की संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित होकर ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध करते हुए जिलाधिकारी महोदय और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया।
बताते चलें कि विद्यालय में कार्यरत बहुत सारे शिक्षक शिक्षाकाएं गैर जनपद के निवासी हैं। एक तरफ तो सरकार मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाने में लगी हुई है। वहीं दूसरी तरफ विभाग में कार्यरत शिक्षिकाओं को दूर दराज में पोस्टिंग देकर उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। खराब मौसम खस्ता हाल सड़के यातायात के साधन को नजर अंदाज करते हुए और अव्यवहारिक ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था थोप रही है। ऑनलाइन व्यवस्था शिक्षकों की सेवा शर्तों के विरुद्ध है।
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी नियमावली 1956 तथा बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली 1972 अद्यतन संशोधित 1982 के भी विरुद्ध है। जब प्रदेश के किसी भी विभाग में ऑनलाइन उपस्थिति नहीं है। तो फिर बेसिक शिक्षकों पर नियमावली की विरुद्ध जाकर सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।

संयुक्त शिक्षक मोर्चा का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती तब तक हम लोग ऑनलाइन उपस्थिति का पूरा विरोध करते रहेंगे। हमारी मांगों में शिक्षकों को 15 आकस्मिक अवकाश और 15 आधे दिन का आकस्मिक अवकाश। प्रतिवर्ष 30 ई यल। राज्य कर्मचारी का दर्जा, कैशलेस मेडिकल सुविधा। एमडीएम से प्रधानाध्यापक को मुक्त रखा जाए। पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए । पदोन्नति की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए। विद्यालय अवधि के पश्चात बैठकों का आयोजन ना हो। इस तरह की सभी समस्याओ का समाधान करें तत्पश्चात ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था करें। इन सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को समय की पाबंदी में बांधना सरकार का यह नियम सही नहीं लग रहा है। क्योंकि विद्यालय में शिक्षकों की कमी के बावजूद भी शिक्षक अपने कर्तव्य में पूरी सत्य, निष्ठा और ईमानदारी से लगकर अध्यापन का कार्य कर रहा है। उसके ऊपर से यह डिजिटलाइजेशन के द्वारा पंद्रह-पंद्रह पंजिकाओं का और ऑनलाइन उपस्थिति कहीं से भी न्याय संगत नहीं है।

इसी के विरोध में जनपद चंदौली के संयुक्त शिक्षक मोर्चा के तत्वावधान में सभी संगठन के पदाधिकारी सदस्य और सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं,शिक्षामित्र और अनुदेशक विकास भवन के समक्ष धरना स्थल पर उपस्थित होकर सरकार के इस नियम की विरुद्ध अपना विरोध प्रदर्शन किया।
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