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चंदौली में भालू का आतंक: युवक पर हमला कर किया गंभीर रूप से घायल, ट्रॉमा सेंटर वाराणसी रेफर

भालू के हमले में विमलेश के चेहरे, बाएं हाथ, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गहरे घाव आए हैं। भालू के तेज पंजों और दांतों से उसका चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया।
 

जयमोहनी रेंज में लगातार हो रहे हमले

ग्रामीणों में भय का माहौल

बकरी चराने गया था युवक

अचानक हुआ हमला

चंदौली जनपद के चंद्रप्रभा वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नरकटी जंगल में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया जब एक युवक पर भालू ने हमला कर दिया। घायल युवक विमलेश पाल, अपने घर से लगभग 500 मीटर दूर जंगल में बकरी चराने गया था, तभी झाड़ियों में छिपे भालू ने उस पर अचानक हमला बोल दिया।

चेहरे, हाथ और शरीर पर गंभीर चोटें
भालू के हमले में विमलेश के चेहरे, बाएं हाथ, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गहरे घाव आए हैं। भालू के तेज पंजों और दांतों से उसका चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया। युवक की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और काफी संघर्ष के बाद उसे भालू से छुड़ाकर सुरक्षित बाहर लाए। तुरंत उसे सीएचसी नौगढ़ लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर दिया गया।

वन विभाग ने जारी की सतर्कता की अपील
वन क्षेत्राधिकारी मकसूद हुसैन ने बताया कि चंद्रप्रभा सेंचुरी क्षेत्र में आमजन की आवाजाही पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अगर जंगल में जलावन लकड़ी, चारा या अन्य कार्यों के लिए जाएं, तो बीट इंचार्ज या वाचर को पूर्व सूचना दें, ताकि समय पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि जंगली जानवर इंसानों को देखकर सहम जाते हैं और इसी वजह से हमला करते हैं।

जयमोहनी रेंज में पहले भी हो चुके हैं हमले
यह कोई पहली घटना नहीं है। जयमोहनी रेंज में भालू के हमले की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, जिसको देखते हुए वन विभाग को सक्रियता बरतने की जरूरत है....

* 7 फरवरी को लौवारी कला के लालबरत कोल पर हमला हुआ था।

* 4 मार्च को राम भवन नामक युवक भालू का शिकार बना।

* 4 मई को अनीता नामक महिला और उसकी देवरानी पर हमला हुआ।

* 17 जुलाई 2023 को रामकृत कोल पर भी बकरी चराते समय हमला किया गया।

लगातार हो रही घटनाओं से नरकटी और आस-पास के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से भालुओं की निगरानी और सुरक्षा के ठोस उपाय करने की मांग की है।

इस तरह से देखा जाए तो भालू के हमलों की बढ़ती घटनाएं वन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए गंभीर खतरे का संकेत हैं। वन विभाग की सक्रियता और ग्रामीणों की सतर्कता ही इन घटनाओं को रोकने में सहायक हो सकती है। समय आ गया है कि प्रशासन और वन विभाग मिलकर कोई स्थायी समाधान निकालें ताकि आमजन सुरक्षित महसूस कर सकें।

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