चंदौली समेत 53 जिलों में गिर सकती है बिजली और 19 जिलों में भारी बारिश की आशंका

कई जिलों में वज्रपात और भारी बारिश का खतरा
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
किसानों और आमजन से सतर्क रहने की अपील
गर्मी से राहत के साथ-साथ खतरे की आशंका
उत्तर प्रदेश में गर्मी से राहत जरूर मिली है, लेकिन अब वज्रपात और भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने सोमवार (24 जून 2025) को प्रदेश के 53 जिलों में वज्रपात की आशंका जताई है, जिनमें चंदौली, वाराणसी, मऊ, बलिया और गोरखपुर जैसे जिले प्रमुख रूप से शामिल हैं। बदलते मौसम के चलते तापमान में गिरावट आई है, जिससे लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है, लेकिन वज्रपात और तेज हवाएं नई परेशानी बन सकती हैं।

19 जिलों में भारी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के 19 जिलों में भारी बारिश होने के आसार हैं। इसमें बलिया, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर और गोंडा जैसे जिले शामिल हैं। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में तेज झोंकेदार हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश भी हो सकती है। ऐसे में किसानों, खासतौर पर धान की नर्सरी तैयार कर रहे किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

प्रदेश के ये जिले भी हैं खतरे की रेखा में
वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, संत रविदास नगर, अम्बेडकर नगर, बहराइच, ललितपुर, झांसी, आगरा, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, इटावा, औरैया सहित कई अन्य जिलों में भी मेघगर्जन और वज्रपात की संभावना बनी हुई है।
लू से राहत, पर बिजली गिरने का खतरा
मौसम विभाग की मानें तो अगले पांच दिनों तक प्रदेश में लू की कोई संभावना नहीं है, जिससे तापमान नियंत्रित रहेगा और उमस कम महसूस होगी। हालांकि बिजली गिरने (वज्रपात) की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से खुले मैदानों, खेतों या ऊंचे स्थानों पर काम कर रहे लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
क्या करें, क्या न करें?
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि इन बातों का ध्यान रखें....
* वज्रपात के दौरान खुले में न रहें
* पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों के पास खड़े होने से बचें
* मोबाइल फोन का प्रयोग खुले में करते समय न करें
* बिजली गिरे तो तुरंत आपदा राहत केंद्र या प्रशासन को सूचना दें
इस मौसम बदलाव के बीच आमजन को जहां राहत मिल रही है, वहीं वज्रपात जैसी घटनाएं जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेकर ही संभावित संकट से बचा जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में भी सजगता और समय रहते सतर्कता बेहद जरूरी है।
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