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अपने कोटेदार से हो परेशानी तो डायल करें 1800-1800-150, ये है टोल फ्री नंबर

सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर ई-पास मशीन पर कार्डधारक का अंगूठा लगवाने के बाद राशन न देना कोटेदारों को महंगा पड़ सकता है। इस अनियमितता पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से कार्डधारकों की सहूलियत के मद्देनजर 1800-1800-150 टोल फ्री नंबर जारी किया है।
 

कोटेदारों की अब नहीं चलेगी मनमानी

टोल फ्री नंबर हो गया है जारी

कोई भी कर सकता है 1800-1800-150 टोल फ्री नंबर पर फोन

अब अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने की जरूरत नहीं

 

चंदौली जिले में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर ई-पास मशीन पर कार्डधारक का अंगूठा लगवाने के बाद राशन न देना कोटेदारों को महंगा पड़ सकता है। इस अनियमितता पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से कार्डधारकों की सहूलियत के मद्देनजर 1800-1800-150 टोल फ्री नंबर जारी किया है। इसके अलावा विभाग के कार्यालय के टेलीफोन व अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। 
दुकानों पर अक्सर सामग्री वितरण के दौरान अनियमितता होने की शिकायतें होती हैं। घटतौली से लेकर खाद्यान्न न देने पर गतिरोध भी होते हैं। शासन के आदेशानुसार ई-पास मशीन में अंगूठा लगाने की व्यवस्था चंद दुकानों तक सीमित हैं।

बताते चलें कि जनपद में सरकारी सस्ते गल्ले की कुल 865 दुकानें संचालित है। इसमें 68 दुकानें शहरी तथा 797 ग्रामीण इलाकों में आवंटित है। इन दुकानों पर 52 हजार 495 अंत्योदय तथा 2.98 लाख पात्र गृहस्थी के राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। पारदर्शी व्यवस्था हो, इसे लेकर तमाम इंतजाम भी किए जा रहे हैं। आए दिन होने वाले गतिरोध से छुटकारा पाना के लिए टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था कराई गई। 

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पिछले एक वर्ष में पांच दुकानें ग्रामीणों द्वारा लगाए गए है घटतौली व खाद्यान्न न देने की शिकायत के बाद निलंबन कार्रवाई भी की गई हैं।
आपको बता दें कि कोटेदार किसी तरह की तानाशाही न कर सके, इसके लिए कार्डधारकों को बिना किसी प्रदर्शन व कार्यालयों के चक्कर काटने से छुटकारा दिलाया गया है। अब अंगूठा लगाने के बाद खाद्यान्न न मिलने की स्थिति में महज टोल फ्री नंबर डायल करते शिकायत करनी होगी।

इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि विभाग की ओर से जारी किए टोल फ्री नंबर, टेलीफोन व मोबाइल नंबर का बड़े पैमाने पर प्रचार- प्रसार कराया जा रहा। कोटेदारों की मनमानी पर यह व्यवस्था काफी हद तक अंकुश लगाएगी। पीड़ित कार्डधारकों को अब कार्यालय में शिकायत करने के लिए जाने की जद्दोजहद नही करनी होगी। दुकान से ही तत्काल मोबाइल फोन से सूचना देनी होगी।

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