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बोर्ड परीक्षा 2023 : जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय व कंट्रोल रूम पर विशेष ध्यान देने की जरूरत

ऐसी हालत में चंदौली जनपद में जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला प्रशासन ने किस तरह से नकल विहीन स्वच्छ और पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी ली है, इसका अंदाजा अपने आप लगाया जा सकता है।
 

जरा जिला विद्यालय निरीक्षक से पूछिए कैसे पहुंचे पेपर

देर शाम तक क्यों भेजे गए पेपर

गाड़ियों की व्यवस्था करने में क्यों कर रहे आनाकानी

कैसे काटी गयी राजकीय अध्यापकों की ड्यूटी


चंदौली जिले में यूपी बोर्ड की परीक्षा कैसे होगी इसका नमूना पहले दिन ही मंगलवार देखने को मिल गया, जब स्कूलों के लिए बनाए गए स्टैटिक मजिस्ट्रेट, पर्यवेक्षक पर केंद्र व्यवस्थापक सवेरे 9:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक पेपर का इंतजार करते करते थक गए। कहीं पर देर शाम तक पेपर पहुंचा तो कहीं शाम 6:00 बजे तक भी पेपर नहीं पहुंच सका था। जब केंद्र व्यवस्थापकों ने इस संदर्भ में कंट्रोल रूम पर फोन करके जानकारी लेने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें सही तरीके से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा था और कंट्रोल रूम के प्रभारी द्वारा केवल यही जानकारी दी जा रही थी कि गाड़ी रूट पर गई है, धीरे-धीरे आपके यहां पहुंच जाएगी। तब तक आप इंतजार करते रहिए।

पेपर पहुंचाने में हुयी मनमानी 
 ऐसी हालत में चंदौली जनपद में जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला प्रशासन ने किस तरह से नकल विहीन स्वच्छ और पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी ली है, इसका अंदाजा अपने आप लगाया जा सकता है। विद्यालय के लोगों ने यह भी बताया कि बोर्ड परीक्षा की कॉपियां कायदे से जिला विद्यालय निरीक्षक और परीक्षा के कंट्रोल रूम के प्रभारियों द्वारा विद्यालय तक पहुंचाने का नियम है, लेकिन परीक्षा की कॉपियां लेने के लिए विद्यालयों को अपने स्तर से व्यवस्था करनी पड़ी थीं। अभी यही नतीजा पेपर को लेकर भी देखने को मिला। जब कई विद्यालयों के पर्यवेक्षक व स्टैटिक मजिस्ट्रेट ने अपने निजी गाड़ियों से प्रश्न पत्रों को विद्यालय तक सकुशल पहुंचाया है। 

पर्यवेक्षकों की तैनाती में हेराफेरी
इतना ही नहीं कई विद्यालयों के परीक्षा केंद्रों पर पर्यवेक्षकों की तैनाती भी मनमाने तरीके से की गई है। कहा जा रहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाबू की मनमानी के चलते राजकीय इंटर कॉलेजों और हाई स्कूल के शिक्षक पर्यवेक्षक के रूप में इस परीक्षा ड्यूटी में लगाए गए थे, उनकी ड्यूटी काट कर 14 फरवरी को एडेड विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है। ऐसी स्थिति में कहीं न कहीं जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। पर्यवेक्षक की ड्यूटी काटने को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं और माना जा रहा है कि परीक्षा ड्यूटी लगाने और काटने में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि इसमें जमकर खेल किया जा रहा है।

 आपको बता दें कि चंदौली जनपद में हाईस्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 100 केंद्र बनाए गए हैं और परीक्षाएं संपन्न कराई जानी हैं। आपको बता दें कि इस साल हाई स्कूल में 18260 बालक और 16473 बालिकाएं परीक्षा देंगीं। वहीं इंटरमीडिएट में 17547 बालक और 14900 बालिकाओं को परीक्षा देना है। इसके लिए चंदौली जनपद में कुल 100 केंद्र बनाकर परीक्षार्थियों को राहत देने की कोशिश की गयी है.

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