सरकार की इस योजना का उठाएं लाभ, अनुदान पर शुरू कर सकेंगे डेयरी उद्योग
11.80 लाख रुपये किसान को मिलेगा अनुदान
गिर के साथ साहीवाल और थार पारकर नस्ल की गायों का करें पालन
50 प्रतिशत तक किसानों को शासन देगा अनुदान
जानिए कैसे पा सकते हैं इस योजना का लाभ
चंदौली पशुपालन की इच्छा पाले बैठे किसानों के लिए अच्छी खबर है। वह अनुदान पर दस गायों के पालन के साथ डेयरी शुरू कर सकते हैं। जनपद को दुग्ध उत्पादन में आगे बढ़ाने और गाय पालने के लिए लोगों में रूझान लाने के लिए मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना शुरू की गई है।
आपको बता दें कि योजना के तहत स्वदेशी गाय पालने के लिए शासन की ओर से कुल लागत का 50 प्रतिशत 11.80 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। योजना के तहत पालकों को गिर साहीवाल व थारपारकर नस्ल की गायों को पालना होगा। गायों के सरंक्षण के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब गोपालन के साथ-साथ किसानों को डेयरी क्षेत्र से आय भी होगी। योजना तहत किसानों को स्वदेशी नस्ल की ही गायें पालनी होंगी। साथ डेयरी शुरू करनी होगी।
बताते चलें कि इन नस्लों में गिर, साहीवाल और थारपारकर नस्ल की गाय शामिल होंगी। एक गाय की अनुमानित लागत एक लाख रुपये मानी गई है। दस गायों के साथ डेयरी उद्योग शुरू करने की लागत 23.60 लाख रुपये आएगी। इसकी आधी धनराशि शासन की ओर से अनुदान के रूप में गोपालक को मिलेगी।
बता दें कि चार लोगों का होगा चयन योजना के लिए चार लोगों का चयन करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आवेदन करने वालों की संख्या अधिक होने पर लाटरी के आधार पर चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। योजना में आफलाइन आवेदन किया जाना है। चयन की प्रक्रिया शुरू होगी।
इनको नहीं मिल सकेगा लाभ:
योजना के तहत पूर्व में संचालित कामधेनु, माइक्रो कामधेनु अथवा नंद बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत संचालित नंदिनी कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री स्वदेशी गो-संवर्द्धन योजना के तहत लाभ लेने वाले किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
इस संबंध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. महेशचंद्र ने बताया कि योजना के जरिये कम लागत में किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। इसके लिए 30 नवंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। चयन लाटरी के आधार पर किया जाएगा। अभी तक दो किसानों से आवेदन प्राप्त हुए हैं।
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