चंदौली जिले के निजी विद्यालयों की सरकार बटोर रही है जानकारी, जानिए क्या चाह रही है योगी सरकार

प्राइवेट स्कूल की मान्यता का शासन ने मांगा रिकार्ड
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बीएसए को पत्र भेजकर दिए निर्देश
15 सालों में कई स्कूलों ने ली मान्यता
यू-डायस पर दर्ज नहीं कराया ब्यौरा
चंदौली जिले में डेढ़ दशक में खुले निजी विद्यालयों का रिकार्ड शासन ने तलब किया है। महा निदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने पत्र भेजकर निजी स्कूलों को दी गई मान्यता का ब्यौरा मांगा है। इन 15 सालों में कई स्कूलों ने मान्यता तो ली। लेकिन, इसका विवरण यू-डायस पर दर्ज नहीं कराया है। जिसकी वजह से इन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या व स्कूलों की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है।

चाहे सरकारी विद्यालय हो या निजी सभी को यू-डायस पोर्टल पर अपना ब्यौरा दर्ज कराना अनिवार्य है। यू-डायस पोर्टल पर जो स्कुल दर्ज नहीं होंगे, उनका संचालन विभागीय नियमों के प्रतिकूल मानते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी है। ऐसे में स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से डेढ़ दशक में स्कूलों को दी गई मान्यता का विवरण मांगा है। बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन जनपद में 2021 स्कूल संचालित हैं। इनमें 1185 परिषदीय विद्यालय भी शामिल हैं।
परिषदीय स्कूलों का विवरण तो यू-डायस पोर्टल पर दर्ज है, लेकिन कई ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं, जिनका ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज नही हो पाया है शिक्षक संख्या, भवन की स्थिति आदि का आकलन नहीं हो पा रहा। बीएसए ने सभी बीईओ से उन स्कूलों का रिकार्ड मांगा है, जो पंजीकृत है या नहीं। वह किस श्रेणी में संचालित होते हैं। क्या इन स्कूलों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं या नहीं यह भी बताना होगा। ऐसा तो नहीं कि मान्यता लेकर कागजों पर संचालन किया जा रहा। शासन के निर्देशों का 31 मार्च तक अनुपालन कराना है।
नगर से अधिक देहात में खुले विद्यालय
डेढ़ दशक में नगर की तुलना में देहात में अधिक स्कूल खुल गए हैं। बिना मान्यता के ही इनका संचालन हो रहा है। कई स्कूल तो ऐसे भी है, जिनकी मान्यता आठवीं की है। लेकिन, उनमें इंटरमीडिएट तक की कक्षाएं चलाई जा रहीं हैं। मान्यता लेने के बाद कइयों ने तो मानक ही पूर्ण नहीं किए, फिर भी उनका संचालन हो रहा।
इस सम्बंध में प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विकायल भारती का कहना है कि सभी बीईओ को निर्देश दिए गए है कि अपने क्षेत्र के निजी स्कूलों का रिकार्ड चेक कर लें। स्कूल संचालन के लिए दी गई मान्यता का विवरण मांगा गया है। डाटा आने के बाद शासन को अवगत कराया जाएगा।
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