लगभग सच्ची निकली कोतवाल मिश्राजी की ‘वसूली लिस्ट’, भेजे दिए गए लखनऊ
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चंदौली जिले की मुगलसराय कोतवाली में लाखों रुपये के अवैध वसूली की कथित लिस्ट को लगभग सही पाया गया है, क्योंकि मामले की जांच कर रहे सतर्कता अधिष्ठान के संयुक्त निदेशक एलआर कुमार ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कई मामलों को सही ठहराया है।
ऐसा सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उनकी जांच में इंस्पेक्टर मुगलसराय शिवानंद मिश्रा तथा उनके स्टाफ व तीन-चार अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अवैध वसूली किए जाने की सूचना पुष्ट पायी गयी है। ऐसा जरूर है कि कहीं रकम कम या ज्यादा पुष्ट होने की बातें मिली हैं।
इसके साथ ही साथ दूसरी ओर वायरल लिस्ट के दौरान मुगलसराय कोतवाली में तैनात रहे इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा का स्थानांतरण आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन लखनऊ के लिए भी कर दिया गया है। इससे पहले मामले की जांच शुरू होने पर एसपी ने उन्हें मुगलसराय कोतवाली से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया था। इस कार्रवाई से पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ था।
आपको बता दें कि 25 सितंबर 2020 को वसूली की कथित लिस्ट वायरल हुई थी, जिसमें हर महीने 35.64 लाख रुपये की अवैध वसूली दर्शायी गई थी। लिस्ट वायरल होने के बाद शासन ने 26 सितंबर को सतर्कता अधिष्ठान को तत्काल मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। इस पर सतर्कता अधिष्ठान के संयुक्त निदेशक एलआर कुमार को जांच सौंपी गई। एलआर कुमार ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में इंस्पेक्टर मुगलसराय शिवानंद मिश्र तथा उनके स्टाफ व तीन-चार अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अवैध वसूली किए जाने की पुष्टि की।
हालांकि मामले में जांच से अवैध वसूली से प्राप्त वास्तविक धनराशि का आंकलन नहीं हो सका। हालांकि वायरल लिस्ट के क्रम संख्या 1 से 20 में अंकित व्यक्तियों द्वारा मुगलसराय क्षेत्र में विभिन्न अवैध गतिविधियां करने तथा उनके द्वारा थाने को इसके लिए पैसा देने की बात प्रमाणित हुई है।
वहीं मामले से जुड़े इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्रा को तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक आधार पर पुलिस लाइन से ईओडब्ल्यू, लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया है। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच हुआ है। माना जा रहा है कि इसमें कई और पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है।
हर महीने 35.64 लाख अवैध वसूली का है मामला
मुगलसराय कोतवाली पर हर महीने कोतवाली अंतर्गत कोल, शराब, पशु तस्करी सहित विभिन्न क्षेत्रों से 35.64 लाख रुपये की अवैध वसूली की कथित लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसके बाद आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने 25 सितंबर को सोशल मीडिया पर वायरल लिस्ट को एडीजी वाराणसी को ट्विट कर जांच की जरूरत बताई थी। तब पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था।
एएसपी प्रेमचंद रहे थे नाकाम
मामला तूल पकड़ने पर एसपी हेमंत कुटियाल ने पूरे मामले की जांच एएसपी प्रेमचंद को सौंप दी थी। तब इंस्पेक्टर को जांच होने तक पुलिस लाइन भेज दिया गया था। इस दौरान यह भी सामने आया था कि एक पुलिसकर्मी ने इसकी शिकायत कई महीने पहले पुलिस के उच्चाधिकारियों से की थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एएसपी प्रेमचंद का कहना है कि इंस्पेक्टर का स्थानांतरण हो गया है।
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