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अफसरों से लड़ने के आरोप में जेल भेजे गए किसान नेता, 151 में हो गया चालान

चकिया तहसील इलाके में सिंचाई विभाग के कार्यालय में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष को किसानों की समस्याओं पर प्रशासन के साथ पंगा लेना काफी महंगा पड़ गया।
 

सिंचाई विभाग के अफसर के साथ पंगा

शिकायत होते ही हिरासत में लेकर जेल भेज दिए गए वीरेन्द्र पाल

चंदौली जिले की चकिया तहसील इलाके में सिंचाई विभाग के कार्यालय में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष को किसानों की समस्याओं पर प्रशासन के साथ पंगा लेना काफी महंगा पड़ गया। अधिकारियों और किसान नेता की नोकझोंक के बाद पुलिस भेजकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने शांतिभंग कर रहे किसान नेता को जेल भेज दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा की कार्रवाई से किसानों में हड़कंप मच गया।

 बताया जा रहा है कि सोमवार की दोपहर भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र पाल किसानों के साथ सिंचाई विभाग के दफ्तर पहुंच गए और नहरों में टेल तक पानी पहुंचने की शिकायत करने लगे। शिकायत के दौरान वीरेंद्र पाल सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ उलझ पड़े और दोनों पक्षों में वाद विवाद शुरू हो गया। देखते ही देखते माहौल गरमा गया। विवाद बढ़ता देख सिंचाई विभाग के एक्सईएन सर्वेश चंद्र सिन्हा ने इस बात की जानकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा को दी।

 इस पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट में पुलिस की टीम भेजकर भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र पाल को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद किसानों में हड़कंप मच गया। हालांकि वीरेंद्र पाल की जमानत याचिका भी दाखिल की गई, लेकिन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने उसे खारिज करते हुए शांति भंग करने के आरोप में जेल भेज दिया।

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