गेहूं की सिंचाई के लिए मिलेगा पानी, धान के लिए कोई गारंटी नहीं, जानिए किस बांध में कितना पानी
सिंचाई के लिए किसान न हों परेशान
नौगढ़-मूसाखांड़ बांधों के साथ लतीफशाह बीयर में भी है पानी
सिंचाई के लिए पानी फिलहाल नहीं है कमी
दरअसल जुलाई व अगस्त माह में मानसून की बेरूखी ने अन्नदाताओं को परेशान कर दिया। औसत से कम बारिश होने के कारण मैदानी इलाकों को छोड़ दें तो पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा पर आधारित 50 प्रतिशत से ऊपर किसानों के खेतों में धान की रोपाई नहीं हो पाई।
हालांकि सितंबर माह के अंतिम पखवारे में जनपद के कई हिस्सों के साथ पहाड़ी इलाकों में दो-तीन दिनों तक तेज बारिश के कारण बांधों में पानी का जलस्तर बढ़ गया। इससे धान की फसल को नवजीवन मिलने के साथ जिन किसानों ने धान की रोपाई की थी उनकी फसल को पानी मिल गया। बांधों में पानी के स्टोर होने से धान की फसल को तो फायदा हुआ ही अब गेहूंकी फसल को भी सिंचाई का पानी मिल जाएगा।
इस संबंध में चंद्रप्रभा अधिशासी सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि गेहूं की फसल की सिंचाई के लिए बांधों में दो माह का पानी उपलब्ध है। किसानों को सिंचाई के लिए संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बांधो का जलस्तर
नौगढ़ - 894.3 फीट
मूसाखांड - 342 फीट
लतीफशाह - 284.4
चंद्रप्रभा - 753.4
मुज्जफरपुर - 306
भैसौड़ा - 909.9
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