जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

गंगा में जलस्तर का बहाव तेज, बलुआ घाट पर महिला चेंजिंग रूम डूबने के कगार पर

बलुआ घाट की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। यहां पुराना महिला चेंजिंग रूम पूरी तरह डूबने के कगार पर है, जबकि यात्री प्रतीक्षालय में पानी भर जाने से यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है।
 

विकासखंड के तटवर्ती गांवों में गंगा का पानी बढ़ा

बढ़ते जलस्तर से ग्रामीणों में बढ़ रहा है खौफ

जानिए किन-किन गांवों के लोग हैं परेशान 

चंदौली जिले के चहनियां विकासखंड के तटवर्ती गांवों में गंगा के बढ़ते जलस्तर ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। बीते 24 घंटे में गंगा का जलस्तर लगभग साढ़े चार फीट बढ़ चुका है, जिससे तटीय इलाकों में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। बलुआ घाट पर स्थित पुराना महिला चेंजिंग रूम पानी में समाने के कगार पर पहुंच चुका है, वहीं घाट पर बने यात्री प्रतीक्षालय में भी पानी घुस गया है।

ganga

रिकॉर्ड तोड़ रहा जलस्तर
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस बार गंगा का पानी पिछले वर्षों के रिकॉर्ड को पार कर रहा है। बलुआ घाट पर जहां तक लोगों को पहले राहत रहती थी, वहां अब पानी की लहरें तेजी से बढ़ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर में वृद्धि की यही रफ्तार रही तो तटवर्ती गांवों की हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन फिर से गंगा में समा सकती है। गांवों के किसान पहले ही कटान और फसल बर्बादी के पुराने अनुभव से डरे हुए हैं। ऐसे में गंगा के बढ़ते जलस्तर ने उनकी नींद उड़ा दी है। ग्रामीण अब दिन-रात नदी किनारे निगरानी कर रहे हैं।

 सैकड़ों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन पर संकट
गंगा तटवर्ती गांव भुपौली, डेरवा, महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरिया, विसुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवाकला, महुअरकला, हरधन जुड़ा, गंगापुर, पुराबिजयी, पुरागणेन, चकरा, सोनबरसा, टांडाकला, महमदपुर, सरौली, तीरगांव, हसनपुर, बड़गांवा, नादी निधौरा, सहेपुर जैसे गांवों में खेतों में तैयार फसल और उपजाऊ जमीन के कटान का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल भी बाढ़ के दौरान हजारों एकड़ जमीन गंगा में विलीन हो गई थी। अब एक बार फिर ऐसी ही स्थिति बनती दिख रही है, जिससे किसान परेशान हैं।

ganga

विषैले जीव-जंतु भी बढ़ा रहे ग्रामीणों की दिक्कत
गांववालों का कहना है कि जैसे-जैसे गंगा का पानी गांवों की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे विषैले जीव-जंतु जैसे सांप और कीड़े भी सुरक्षित ठिकानों की तलाश में बस्तियों की ओर भाग रहे हैं। इससे लोगों की रातों की नींद हराम हो गई है। बच्चों और मवेशियों को लेकर भी लोग डरे हुए हैं।

 बलुआ घाट का पुराना चेंजिंग रूम डूबने के कगार पर
बलुआ घाट की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। यहां पुराना महिला चेंजिंग रूम पूरी तरह डूबने के कगार पर है, जबकि यात्री प्रतीक्षालय में पानी भर जाने से यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। मंदिर और घाटों पर भी पानी की सतह लगातार चढ़ती जा रही है, जिससे जलाभिषेक और स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर असर पड़ रहा है।

ganga

ग्रामीणों ने प्रशासन से की मदद की गुहार
गांवों के लोगों ने जिला प्रशासन से कटान रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविर, तटबंध की मरम्मत और चेतावनी सिस्टम को मजबूत किया जाए ताकि नुकसान को कम किया जा सके। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते स्थायी समाधान नहीं किया गया तो आने वाले सालों में हालात और बदतर होंगे।

Tags

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*