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इस समस्या के समाधान में बेबस और लाचार नजर आते हैं चंदौली जिले के CMO साहब

पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय के सीएमओ कार्यालय और मातृ शिशु विंग तक जलभराव अभी तक लगा हुआ है। जलभराव से मरीजों और तीमारदारों के साथ ही स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को फजीहत झेलनी पड़ती है।
 

अक्सर जिला चिकित्सालय में भर जाता है पानी

जलभराव से लगातार होती है परेशानी

नहीं सुनते हैं सिंचाई विभाग के आला अधिकारी

कुछ ऐसी है सीएमओ की लाचारी

 

चंदौली जिले के मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में नहर का पानी एक बार फिर से घुस गया है। अस्पताल में जल भराव से मरीजों और तीमारदारों के साथ-साथ चिकित्सकों और कर्मचारियों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अवगत कराया, लेकिन इसके बावजूद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया।

कहा जा रहा है कि नहर में जब भी सिंचाई का पानी छोड़ा जाता है या बरसात होती है तो जिला अस्पताल से मातृ शिशु विंग तक इस तरह की समस्या दिखने लगती है। साथ-साथ सीएमओ कार्यालय भी इसकी जद में आ जाया करता है। इसके बाद भी अफसर इस समस्या के लिए कोई पहल नहीं करते हैं। हर बार की तरह एक बार फिर से  पानी भरने से   मरीजों और तीमारदारों को संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है और अस्पताल में बैठने वाले दोनों अफसर बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं।

मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल के पास से निकली चंदौली-फुटियां माइनर साफ-सफाई के अभाव में झाड़ झंखाड़ से पट गई है। यही नहीं हाईवे की सड़क निर्माण के चलते माइनर अवरुद्ध भी हो गई है। असली कारण यह है कि नहर की पुलिया में काफी पतली पाइप डाल दी गई है। इससे माइनर का पानी तेज गति से आगे नहीं बढ़ रहा है। इसके चलते गंगा नहर खुलने के साथ ही माइनर ओवरफ्लो हो जाता है। इससे माइनर का पानी जिला अस्पताल परिसर में घुस जाता है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी विकट हो जाती है। 

पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय के सीएमओ कार्यालय और मातृ शिशु विंग तक जलभराव अभी तक लगा हुआ है। जलभराव से मरीजों और तीमारदारों के साथ ही स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मचारियों को फजीहत झेलनी पड़ती है। यही नहीं अस्पताल परिसर पूरा पानी से घिरे होने के कारण अब मरीजों के साथ-साथ वहां रहने वाले तीमारदारों और संक्रामक रोगों का भय भी सताने लगा है। 

कर्मचारियों का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करके इसको ठीक कराने के लिए कहा गया, लेकिन आज तक इस पर कोई अमल नहीं किया गया। इससे जलभराव की समस्या का समाधान होना काफी मुश्किल का काम दिखायी दे रहा है।

इस बारे में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जुगल किशोर राय का कहना है कि  इस समस्या के बारे में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता समेत कई अधिकारियों से बातचीत की गयी, लेकिन वह लोग अपने और से कोई पहल नहीं करते हैं। सिर्फ आश्वासन देकर पूरे मामले को दबाया जा रहा है। लगातार जलभराव से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सहित अस्पताल के लोगों को भी काफी परेशानी होती है। एक बार फिर इस संदर्भ में पत्राचार किया जा रहा है ।

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