कोहरे की चादर में लिपटा चंदौली: ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित, 80 स्थानों पर जलाए गए अलाव
चंदौली में घने कोहरे और पछुआ हवाओं ने भीषण ठंड का प्रकोप बढ़ा दिया है। दृश्यता कम होने से रेल और सड़क यातायात पूरी तरह चरमरा गया है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने रैन बसेरों और कंबल वितरण की कमान संभाल ली है।
घने कोहरे से शून्य हुई दृश्यता
80 चिन्हित स्थानों पर अलाव की व्यवस्था
8 रैन बसेरों में रुकने का इंतजाम
ट्रेनों और बसों की रफ्तार पर ब्रेक
स्कूलों के समय में प्रशासन का बदलाव
चंदौली जनपद में सर्दी के मौसम ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जमीन से लेकर आसमान तक छाए घने कोहरे की वजह से जनजीवन की रफ्तार पूरी तरह थम गई है। सुबह 9:30 बजे तक दृश्यता (विजिबिलिटी) का स्तर इतना गिर गया है कि 50 मीटर की दूरी पर भी कुछ भी देख पाना मुहाल हो रहा है। इस घने कोहरे का सबसे बुरा असर सड़क और रेल यातायात पर पड़ा है। नेशनल हाईवे पर वाहन रेंगते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं चंदौली और डीडीयू जंक्शन से गुजरने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनें घंटों विलंब से चल रही हैं। यात्रियों को स्टेशन पर कड़ाके की ठंड के बीच घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे उनकी मुसीबतें कई गुना बढ़ गई हैं।
हाड़ कंपाने वाली ठंड और पछुआ हवाओं का सितम
जिले में पछुआ हवाओं के साथ गलन भरी ठंड ने लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया है। दिन भर सूर्य देव के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं, जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान चंदौली का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि वातावरण में नमी और प्रदूषक तत्वों के जमाव के कारण अगले दो से तीन दिनों तक धुंध और कोहरे की स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। इस शीत लहर का सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों पर पड़ रहा था, जिसे देखते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों के संचालन समय में परिवर्तन कर उन्हें थोड़ी राहत प्रदान की है।
प्रशासन की मुस्तैदी: अलाव और रैन बसेरों का इंतजाम
शीतलहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चंदौली जिला प्रशासन पूरी तरह सजग नजर आ रहा है। अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि राहगीरों और बेसहारा लोगों को इस भीषण ठंड से बचाने के लिए जिले के विभिन्न चिन्हित 80 सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, जनपद में 8 प्रमुख स्थानों पर रैन बसेरे क्रियाशील कर दिए गए हैं, जिनमें लगभग 150 लोगों के ठहरने, सोने और ओढ़ने के पुख्ता इंतजाम हैं। प्रशासन का कहना है कि यदि ठंड का प्रकोप और बढ़ता है, तो अलाव के केंद्रों और रैन बसेरों की संख्या में तत्काल वृद्धि की जाएगी ताकि कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर न हो।
कंबल वितरण करके सुरक्षा का संकल्प
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ठंड के कारण जिले में किसी भी जान-माल की हानि को रोकने के लिए तहसील स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। सभी तहसीलों में जरूरतमंदों और असहाय लोगों के बीच कंबल वितरण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भीषण ठंड के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो। इसके लिए क्षेत्रीय लेखपालों और राजस्व अधिकारियों को गांवों और शहरी इलाकों में भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने आम जनमानस से भी अपील की है कि वे इस भीषण ठंड में सावधानी बरतें और केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही घरों से बाहर निकलें।
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