Weather Alert For Chandauli : चंदौली में फिर बदलेगा मौसम, ऐसी है मौसम विभाग की चेतावनी व अलर्ट

पश्चिमी विक्षोभ से धूल भरी आंधी की संभावना
दिनमर धूप छावं का चलता रहा खेल
तापमान गिरने से मिली राहत
बनी हुई है चंदौली सहित आसपास के जिलों में ओला पड़ने की आशंका
चंदौली जिले में मौसम का मिजाज इधर दो दिनों से बदला हुआ है। तेज हवा के साथ आसमान में हल्के बादल छाए हुए है। सोमवार को दिनभर धूप छावं का खेल चलता रहा। कई जगहों पर हल्की बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इससे गर्मी से लोगों को राहत मिली। लेकिन खेती का काम प्रभावित हो रहा है। इससे किसान चिंतित है।

मौसम विज्ञानी के अनुसार, मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा और धूलभरी आंधी के साथ चंदौली सहित आसपास के जिलों में ओला पड़ने की आशंका बनी हुई है। बीएचयू के पूर्व मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एसएन पांडेय ने बताया कि सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री रिकार्ड किया गया। अधिकतम तापमान में 3.43 डिग्री सल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं जिले में सुबह से ही हल्के बादल छाए रहे। दिनभर यहीं स्थिति बनी रही। बादल छाने से धूप में नरमी के चलते राहगीरों, यात्रियों, कामगारों और स्कूली बच्चों को काफी राहत मिली।
मौसम विज्ञानी ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभके चलते जमीन पर दक्षिणी पश्चिमी और जमीन से डेढ़ किमी की ऊंचाई पर उत्तरी पश्चिमी हवा चल रही है। जिससे मौसम में बदलाव हुआ है। दोनों हवा के आपस में टकराने से बादल छाने और हल्की बूंदाबांदी के साथ ओला गिरने और धूलभरी आंधी चलने की संभावना बनी हुई है। वहीं इधर बीच पिछले सप्ताह तापमान 44 डिग्री तक पहुंच जाने से आमजन जीवन बेहाल होने लगा था। घर से लेकर बाहर तक हर कोई धूप और लू से बेहाल था। लोगों का घरों से बाहन निकलना मुश्किल हो गया था।

दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा था। स्कूली बच्चों को दोपहर में घर जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। लेकिन इधर रविवार और सोमवार को मौसम में आए बदलाव से काफी राहत मिली है। पूर्व मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एसएन पांडेय का कहना है कि अभी अगले दो दिन तक इसी तरह मौसम रहने का अनुमान है।
मौसम में आए बदलाव और आसमान में बादल छाने से खेती का कार्य प्रभावित हो रहा है। मौसम में नरमी से गेहूं की मड़ाई का काम ठीक से नहीं हो पा रहा है। वहीं खेत और खलिहान में रखे गेहूं और भूसे के भींगने का भय भी किसानों का सता रहा है।
जिले में लगभग 70-80 फीसदी गेहूं की मड़ाई हो चुकी है। इसके बाद भी अभी करीब 20 फीसदी किसान पिछड़े हुए हैं। उन किसानों को मौसम के मिजाज को लेकर अधिक चिंता सता रही है। किसानों का कहना है कि मौसम सहीं रहता तो एक सप्ताह में गेहूं की मड़ाई का काम जिले में पूरा हो जाता।
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