अदसड़ और चारी पंप कैनाल के गुनहगारों को कौन दिलाएगा सजा, कमीशनखोर अफसरों पर कौन कसेगा नकेल
अदसड़ और चारी में चालू कराने को लेकर क्या है प्लान
छह साल में नौ बार हो चुकी है टेस्टिंग
आखिर क्यों फेल होती जा रही है टेस्टिंग
योगी सरकार में किसने दबा रखी है जांच की फाइल
चंदौली जिले के अदसड़ और चारी में 50-50 क्यूसेक क्षमता के दो लिफ्ट कैनाल की परियोजना टेस्टिंग में उलझकर रह गई है। छह साल में नौ बार टेस्टिंग गई और हर बार दोनों लिफ्ट कैनाल फेल हो गए। शासन की टीम ने जांच की लेकिन इसके बाद भी कछ नहीं हुआ। इससे किसानों के सपने बिखर कर रह गए। योगी सरकार में भी इस पंप कैनाल की हेराफेरी का मामला दबाकर कमीशनखोर अफसरों को बचाने की कोशिश की जा रही है। सत्ता पक्ष के लोग भी इस मामले में चुप्पी साधे रखते हैं।
आपको बता दें कि नरवन परगना के किसानों की सिंचाई की समस्या को देखते हुए सपा शासन में वर्ष 2016 में जिले के 70 करोड़ रुपये की लागत से 50-50 क्यूसेक के चारी और अदसड़ गांव के पास लिफ्ट कैनाल की योजना बनी थी। इनके जरिये कर्मनाशा नदी से पानी लेकर घोसवा और कंदवा गांव के पास नहर में गिराया जाना है। योजना से जुड़े कार्य वर्ष 2018 तक पूरे करने थे लेकिन छह वर्ष बाद भी किसानों का सपना अधूरा ही है।
दोनों लिफ्ट कैनाल बनने के बाद टेस्टिंग में नौ बार फेल हो चुके हैं। चारी लिफ्ट कैनाल के निर्माण में 32.77 करोड़ और अदसड़ कैनाल में 37.40 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। चारी कैनाल लिए नाबार्ड से 29 करोड़ 26 लाख और अदसड़ के लिए 33 करोड़ 27 लाख रुपए का ऋण मिला था।
लोन के पैसे से बनी ये परियोजना में कई अफसरों ने जमकर कमीशन खाए और उसमें से कुछ भेंट आला अफसरों तक पहुंचाकर फाइल दबवा दी, ताकि असली गुनहगार का पता न चल सके। इतना ही नहीं इसको लेकर भाजपा के सांसद व विधायकों ने भी कोई खास दिलचस्पी नहीं ली। न ही जांच कर गलत काम करने वाली फर्म से पैसे की रिकवरी करा पाये।
इस सम्बंध में लघुडाल अधीक्षण अभियंता बृजेश कुमार ने बताय कि अदसड़ और चारी पंप कैनाल चलाने का प्रयास किया जा रहा है। शासन से आई टीम ने दोनों पंप कैनालों की जांच की है। आगे जैसा निर्देश मिलेगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा।
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