जिला अस्पताल में कब आएंगे यूरो और न्यूरो के डॉक्टर, संसाधनों का लगा रहता है रोना
चंदौली जिले के मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जहां मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है वही स्वास्थ्य प्रशासन की ओर से सुविधाओं की व्यवस्थाओं में कमी हो रही है, जिला अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है। वहीं वर्षों से बड़ी मशीनें धूल फांक रही है।
आपको बता दें कि जनपद की कुल आबादी 2011 के गणना के अनुसार 21 लाख है। लोगों के लिए सरकार की ओर से चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दो जिला अस्पताल व दो महिला अस्पताल के अलाव 21अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के साथ उपकेंद्र संचालित हो रही है।
बताते चलें कि वहीं मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय जनपद ही नहीं गैर जनपद के साथ-साथ गैर प्रांत के मरीजों का भी सहारा है, लेकिन जिला अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ-साथ न्यूरोलॉजी व यूरिन सहित कई प्रमुख चिकित्सक का अभाव है। जहां पर प्रतिदिन लगभग 1000 से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज कराने के लिए आते हैं। वहीं सड़क किनारे हॉस्पिटल होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त भी मरीजों के लिए यह जीवनदायिनी है, लेकिन गंभीर मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के नहीं होने के कारण वाराणसी रेफर करना पड़ता है।
वही जांच की बात करें तो जिला अस्पताल में साधारण जांच हो जाती है, लेकिन थायराइड सहित अन्य जांचों के लिए बाहर जाना पड़ता है। जबकि थायराइड की मशीन जिला अस्पताल में रखी गई है जो वह धूल फांक रही है। वहीं नौगढ़ और सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर हेल्थ एटीएम लगाया गया है, लेकिन इन दिनों यह खराब हो चुकी है।
नहीं हैं यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी और हृदय रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक
चंदौली जिले के मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल में ही चिकित्सकों की कमी है। अस्पताल में वर्तमान में 42 डॉक्टरों के सापेक्ष 34 डॉक्टर ही नियुक्त हैं। अस्पताल में आठ चिकित्सकों की कमी है। वहीं जिला अस्पताल होने के बावजूद एक सर्जन व ह्दयरोग विशेषज्ञ का पद खाली चल रहा है। अस्पताल में यूरोलॉजी व न्यूरोलॉजी के चिकित्सक के पद खाली हैं। पूरे जिले की बात करें तो कहीं भी न्यूरोलॉजी का विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। इससे मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है।
जनपद के पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 108 चिकित्सकों की है, लेकिन 102 चिकित्सक तैनात है। इसमें छह चिकित्सकों की कमी है। वहीं संविदा पर 63 चिकित्सक तैनात है, लेकिन 58 चिकित्सक तैनात है और पांच चिकित्सकों की कमी है। वहीं विभागीय अधिकारियों की माने तो तकनीशियनों की भी कमी है।
इस संबंध में चंदौली जिले के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरबी शरण ने बताया कि जिला अस्पताल में सर्जन, यूरोलॉजी व न्यूरोलॉजी और हृदयरोग विशेषज्ञ का पद खाली चल रहा है। वहीं कुछ पीएचसी और सीएचसी पर चिकित्सकों की कमी है। शासन को अवगत कराया गया है जल्द ही व्यवस्था ठीक हो जाएगी।
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