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देखिए वीडियो : नौगढ़ में हेल्थ वैलनेस सेंटर बन गया भैंसों का तबेला

नौगढ़ में चिकनी गांव का हेल्थ वैलनेस सेंटर  इस समय भैंसों का तबेला बन गया है। जबकि यहां एनम सहित कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति की गई है।
 
चिकनी गांव का हेल्थ वैलनेस सेंटर इस समय बना भैंसों का तबेला

चंदौली जिले के विकास खंड नौगढ़ में चिकनी गांव का हेल्थ वैलनेस सेंटर इस समय भैंसों का तबेला बन गया है। जबकि यहां एनम सहित कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति की गई है।


चंदौली जिले के तहसील मुख्यालय नौगढ़ से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिकनी गांव में लाखों रुपए की लागत से बनकर तैयार हेल्थ वैलनेस सेंटर में जाने पर डॉक्टर नर्स या मरीज नहीं बल्कि भैंस ही भैंसें मिलेंगी। इस सेंटर पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, एनम कभी कभार आते हैं। हालात यह है कि स्थानीय लोग भी झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर है। गांव के प्रधान संतराम सिंह का कहना है कि हेल्थ वैलनेस सेंटर बंद रहने से लोगों में काफी आक्रोश है। सरकार ने जिस मंशा से इसकी शुरुआत की थी उस पर यहां पर तैनात कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं। 


 आपको बता दें कि ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए नौगढ़ इलाके में 8 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर एक वर्ष से ताले लटके हैं।  विभाग ने एक वर्ष पूर्व कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर की तैनाती भी कर दी, लेकिन लोगों के लिए सेंटर नहीं खोले गए। इसी बीच  नियुक्त हेल्थ ऑफिसरों को कोरोना टीकाकरण कार्य में लगा दिया गया। 


 तीन साल पहले नौगढ़ क्षेत्र के चिकनी, देवरी कला, लौवारी खुर्द, मगरही, मझगावां, गहिला, अमदहां व अन्य गांवों में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनाए गए थे। इनको खोलने का मकसद  परीक्षणों के माध्यम से गांव के लोगों में विभिन्न बीमारियों का पता लगाना और समय रहते, उसका निदान करना था। लेकिन इलाज करने की बजाए हेल्थ वैलनेस सेंटर भैंसों का तबेला बन चुका है।


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवधेश पटेल ने चंदौली समाचार को बताया कि कोरोना काल में वैक्सीनेशन के लिए हेल्थ ऑफिसर की ड्यूटी लगाई गई थी जिस कारण सेंटर बंद चल रहा था अब ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे।

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