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2006 से सनातन धर्म अपनाने की कर रहा था कोशिश, अब मिली है सफलता

सनातन धर्म स्वीकार करने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन से बने डब्लू सिंह बने युवक ने बताया कि जब हमने अपने कुर्सीनामा को देखा तो हमको लगा कि हमारे पूर्वज पहले सनातनी थे।
 

चंदौली समाचार से बोले- डब्लू सिंह

धर्म के ठेकेदारों ने बहुत किया था परेशान

लंबी लड़ाई के बाद मोहम्मद अजहरुद्दीन से बना डब्लू सिंह

पत्नी और बच्चे का भी बदला नाम

चंदौली जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र के बिछिया गांव के निवासी मोहम्मद अजहरूद्दीन ने मुस्लिम धर्म के ठेकेदारों से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद सनातन धर्म में वापसी करते हुए मोहम्मद अजहरुद्दीन से डब्लू सिंह बनने का सिलसिला पूरा कर लिया है। अब वे अपने पुत्र-पत्नी को भी शुद्धिकरण कराते हुए सनातन धर्म में वापसी कराने की सफल पहल की है।

 इस संबंध में सनातन धर्म स्वीकार करने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन से बने डब्लू सिंह बने युवक ने बताया कि जब हमने अपने कुर्सीनामा को देखा तो हमको लगा कि हमारे पूर्वज पहले सनातनी थे। इसी कारण हमारे अंदर जन्म से ही सनातन धर्म के प्रति आस्था एवं विश्वास देखा जा रहा था।

azaharuddin become dablu singh

 पहले से ही हमारे घर में रामचरितमानस, श्रीमद् भागवत गीता रहती थी। हम सभी धर्मों का समान रूप से पूजन और अध्ययन भी करते थे। हम 2006 से सनातन धर्म में वापसी करने के लिए लगे थे, लेकिन कुछ लोगों द्वारा इतना परेशान किया गया कि हम उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। लेकिन लंबी लड़ाई लड़ते हुए 30 जून को हमने परिवार सहित अपने सनातन धर्म में पूर्ण रूप से वापसी कर ली है।

azaharuddin become dablu singh

अब अपने घर में आने के बाद सुकून महसूस हो रहा है। यही नहीं जो लोग हमें दोषी ठहरा रहे थे, अब वह भी अपना पुराना इतिहास एवं कुर्सी नामा देखेंगे तो सनातन के प्रति आकर्षित हो जाएंगे। हमारे घर के अन्य सदस्यों के अंदर भी धीरे-धीरे सनातन धर्म के प्रति उनका विश्वास बढ़ता जा रहा है और मुझे आशा है कि मेरे आस-पास एवं रिश्तेदार नातेदार सब लोग आने वाले समय में सनातनी बन जाएंगे।
 azaharuddin become dablu singh
डब्लू सिंह ने कहा कि वे  प्रयास में हैं कि जो हमारे पुरखा पुरनियों का इतिहास और कुर्सीनामा है उसे निकाल कर सबके सामने पेश करें, ताकि लोग समझ जाए कि हम लोगों को जबरदस्ती दबाव में सनातन से मुस्लिम धर्म स्वीकार कराया गया था और हम लोग अभी तक उसी को ढो रहे हैं। आज हम अपने सनातन धर्म में वापस होकर के जी रहे हैं। अभी तक जो हमारा अध्ययन है उसमें हमारे पूर्वज  राजपूत थे और हम लोगों को जबरदस्ती मुस्लिम बना दिया गया है। अब हमें सनातन धर्म स्वीकार करने के बाद किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है और हमारे रिश्तेदार नातेदार सब लोग सनातन धर्म मे भाव रखे हुए हैं। मुझे आशा एवं विश्वास है कि वह लोग भी सनातन धर्म के प्रति आकर्षित हो रहे हैं और जल्द वापसी करेंगे।

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