अब रैथा गांव में भी लग गया बंदरों को पकड़ने वाला पिंजड़ा, नेताजी ने किया था प्रयास
चंदौली जिले के धीना क्षेत्र में पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुशील सिंह जनौली के पहल पर मंगलवार को रैथा गांव में वन विभाग की टीम ने बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाया। बंदरो के आतंक से ग्रामीण काफी भयभीत चल रहे थे। वन विभाग की टीम पिंजड़ा में केला व चना रखकर बंदरो को पकड़ने के इंतजार में लग गए।
रैथा गांव में इन दिनों दर्जनों की संख्या में बंदर झुण्ड बनाकर आतंक मचा रहे है। घरों में घुसकर महिलाओं को गुर्राकर डराने का काम कर रहे है। इससे महिलाएं डर जा रही है। बंदर रसोईघर में घुसकर खाना बनाने की सामग्री को खा रहे है। प्रतिरोध करने पर काट कर बुरी तरह घायल कर दे रहे हैं। समस्या से निजात के लिए ग्रामीणों ने पूर्व जिपंस सुशील सिंह जनौली से गुहार लगाया। मामले को देखते हुए पूर्व जिपंस ने वन विभाग को रैथा गांव में पिंजड़ा लगाकर को बंदरो को पकड़कर समस्या से निजात दिलवाने की मांग किया।
मंगलवार को वन विभाग की टीम रैथा गांव के मध्य पिंजड़ा में केला व चना रखकर बंदरो को पकड़ने में लग गए। इस मौके पर पूर्व जिपंस सुशील सिंह जनौली, उप वन क्षेत्राधिकारी छविनाथ त्रिपाठी, वन रक्षक अवधेश सिंह, देवकृष्ण तिवारी , वन दरोगा रवि कुमार सिंह, बेचू राम, धनंजय खरवार, मंजीत सिंह, बाचा पाल आदि उपस्थित रहे।
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