1670 स्थानों पर पूजा के बाद धू-धू कर जली होलिका, नगाड़े की थाप पर थिरके जिले के लोग
जिले में आज खेली जा रही है होली
1670 स्थानों पर होलिका दहन शांतिपूर्वक संपन्न
फाग गीतों के साथ एक दूसरे को लोग लगा रहे रंग-अबीर-गुलाल
बताते चलें कि आग लगते ही होलिका धू-धू कर जल उठी। वहीं लोगों ने होलिका जलने की खुशी में खूब आतिशबाजी की। फाग गीतों के बीच एक दूसरे पर रंग अबीर लगाकर होली की बधाई दी। जोगिरा सारा रा रा से पूरा इलाका गुंजायमान रहा।
होली की शुरूआत तो वसंत पंचमी से ही शुरू हो गई थी। कहीं वसंत पंचमी तो कहीं महाशिवरात्रि पर युवाओं ने होलिका की स्थापना की। इसके बाद लकड़ियां एकत्र कर होलिका को ऊंचा किया। नगर के कैलाशपुरी, नई सट्टी, धर्मशाला रोड, पीपी सेंटर, शाहकुटी, लाठ नंबर दो, काली महाल, चतुर्भुपुर, आरपीएफ कॉलोनी, गया कॉलोनी, मानसनगर, चकिया त्रिमुहानी, सेंट्रल कॉलोनी सहित नगर के साथ पूरे जिले में 1670 स्थानों पर होलिका सजाई गई है।
रविवार की सुबह होलिका दहन की तैयारी शुरू हो गई। महिलाओं ने होलिका की पूजा अर्चना की और फेरे लगाए । वहीं लोगों ने स्वेच्छा से उपले, लकड़ियां, पान, सुपाड़ी, नारियल, पकवान आदि अर्पित किए। वहीं युवाओं की टोली ने घूम घूम कर लोगों के घर से लकड़ियां, उपले आदि एकत्र किए। रात 10.27 बजे तक भद्रा थी और इसके बाद ही होलिका दहन का मुहूर्त था। युवा, बुजुर्ग महिलाएं ढोल नगाड़े, हारमोनियम और झांझ पर फाग गीत गाते हुए जुटे और शुभ मुहूर्त में होलिका में आग लगा दी आग लगते ही होलिका धू धू कर जलने लगी। जलते होलिका में लोगों ने खूब आतिशबाजी की। वहीं एक दुसरे को रंग लगाते हुए होली की बधाई दी। जगह जगह फाग गीतों पर युवाओं ने खूब मस्ती की। इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहे।
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