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..इसलिए चंदौली में चर्चा में आया था मुख्तार अंसारी, पुलिस पर किया था अटैक

1993 की घटना आज भी लोगों के जहन में ताजी है, जब मुख्तार अंसारी वाहनों के काफिले के साथ मुगलसराय के नगर में पहुंचा था। तीन-चार वाहनों में मुख्तार अंसारी के गुर्गे सवार थे।
 

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पूर्वांचल के माफिया डॉन के रूप में चर्चा मुख्तार अंसारी का चंदौली जिले से भी खास कनेक्शन था। 1993 में मुख्तार अंसारी ने जीटीआर ब्रिज के पास एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उसके बाद रेलवे यार्ड में कूदकर मौके से फरार हो गया था। इसी मामले में यहां उसके ऊपर एक मुकदमा भी चल रहा है।

 कहा जाता है कि 1993 के बाद कभी भी मुख्तार अंसारी खुले तौर पर चंदौली जनपद में नहीं आया, लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस की निगरानी उसको कई बार यहां हाजिर होना पड़ा था।
 
आपको बता दें कि 1993 की घटना आज भी लोगों के जहन में ताजी है, जब मुख्तार अंसारी वाहनों के काफिले के साथ मुगलसराय के नगर में पहुंचा था। तीन-चार वाहनों में मुख्तार अंसारी के गुर्गे सवार थे। उस समय जीटीआर पुल के पास एक शराब की दुकान हुआ करती थी। उसी के समीप शराब की दुकान से मुख्तार अंसारी के गुर्गों ने शराब की चार-पांच बोतलें खरीदी थीं। वहां गाड़ियों का काफिला और विवाद की बात सुनकर पुलिस पहुंची तो गोली चल गयी थी।

Mukhtar Ansari

बताया जाता है तत्कालीन मुगलसराय कोतवाल एनके जनवार पुलिस जीप के साथ जीटीआर ब्रिज के पास पहुंचे तो हंगामा कर रहे मुख्तार अंसारी के गुर्गों को गाड़ी समेत सभी को कोतवाली चलने के लिए कहा, लेकिन मुख्तार अंसारी वहां नहीं जाना चाहता था।

लोगों का कहना है कि मुख्तार अंसारी में वहां से उतरा और पुलिस जीप के पास जा पहुंचा। जीप में वह नहीं बैठा, लेकिन अपनी पिस्टल निकाली और पुलिस कर्मियों पर फायर कर दिया।
 इसके बाद जब तक पुलिस जवाबी फायर करती, तब तक वह पैदल ही रेलवे यार्ड की ओर भाग निकला उसके बाद वह अपने गैंग के लोगों के साथ मौके से फरार हो गया। लेकिन इस गोलीकांड में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी।

तब से चंदौली जिले से मुख्तार का कनेक्शन बताया जाता है। वहीं यह भी कहा जाता है कि चंदौली जिले के कुछ कोयला व तेल माफियाओं से भी मुख्तार का कनेक्शन था, जिनको उससे संरक्षण मिला करता था और उसी के दम पर उनका अवैध कारोबार फलता फूलता था।

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