चंदौली के लाल ने पहली बार ली थी मुख्तार अंसारी से टक्कर, छोड़नी पड़ी थी नौकरी
लोग याद कर रहे शैलेन्द्र सिंह का कारनामा
फर्ज निभाने में आड़े आयी थी सपा सरकार
नौकरी छोड़कर किया था मुलायम सिंह को बेनकाब
चंदौली जनपद के फेसुडा गांव के निवासी पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र कुमार सिंह ने सन 2000 के जनवरी महीने में एसटीएफ के डिप्टी एसपी पद पर रहते हुए मुख्तार अंसारी के यहां से एलएमजी (लाइट मशीन गन) बरामद किया था। इसके बाद उन्हें डिप्टी एसपी की नौकरी को तिलांजलि देनी पड़ी । एलएमजी जैसे हथियार को अभी तक उत्तर प्रदेश में केवल शैलेंद्र सिंह ही बरामद कर पाए थे, ना पहले ही कोई किया था और ना ही अभी तक कोई उस तरह की कार्यवाही कर पाया।
आपको बता दें कि चंदौली जनपद के फेसुड़ा गांव के निवासी तेज तर्रार पुलिस विभाग के डिप्टी एसपी पद पर तैनात अधिकारी शैलेंद्र सिंह अपने कार्य के प्रति बहुत ही ईमानदार एवं अपराधियों पर नकल कसने के कारण उनकी एक अलग हनक थी। सन 2000 के जनवरी महिला में मुलायम सिंह की सरकार प्रदेश में थी, उसी दौरान डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह की पोस्टिंग एसटीएफ में हुई थी।
शैलेंद्र सिंह को जानकारी मिली कि सेना की एलएमजी (लाइट मशीन गन) मुख्तार अंसारी के पास है और वह अपराधिक गतिविधियों में उसका प्रयोग करने वाला है। इसके बाद वह अपने सहयोगियों को लेकर मुख्तार अंसारी के यहां छापा मारते हुए एल एमजी (लाइट मशीन गन) को बरामद कर लिया उसके बाद मुख्तार अंसारी पर कार्यवाही में जुट गए। इस तरह की कार्रवाई अभी तक कोई भी पुलिस का अधिकारी नहीं किया था।
माफिया डान मुख्तार अंसारी पर इतनी बड़ी कार्यवाही होने के बाद मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के यहां भी यह मामला पहुंच गया और मुख्तार अंसारी का दबाव मुख्यमंत्री के यहां तक पहुंचा गया। उसके बाद डिप्टी एसपी के ऊपर के कई अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया और उनके ऊपर मानसिक दबाव बनाए जाने लगा कि वह अपनी कार्यवाही वापस ले लें, लेकिन संविधान की कसम खाकर उसका निर्वाह करने वाला ईमानदार अधिकारी तनिक भी नहीं डिगा और राजनीतिक दबाव से पीड़ित होकर अपनी नौकरी को तिलांजलि दे दी।
शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि उसी समय ये कसम खाई थी कि ऐसे भ्रष्टाचारियों के अंडर में रहकर नौकरी नहीं करेंगे, जब तक इसका सफाया नहीं हो जाता है, तब तक इंतजार करेंगे। उसके बाद पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह पर कई मुकदमे भी लादे गए, लेकिन वह अपनी लड़ाई लड़ते रहे।
उस दौरान शैलेंद्र सिंह जहां भी प्राइवेट नौकरी करने जाते थे वहां तक दबाव पहुंच जाता था और यहां तक कि उनको कमरे में लोग नही रहने देते थे। कमरा खाली कर देते थे।
मुख्तार अंसारी के खौफ से जहां लोग डरते थे वहीं डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह तनिक भी नहीं डिगे और नौकरी छोड़कर उस दौरान राजनीति में भी अपना भाग्य आजमाया। कांग्रेस से चंदौली संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव भी लड़े। लेकिन हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद अपने व्यापार में जुट कर इस समय नई तकनीक से छुट्टा पशुओं के माध्यम से बिजली पैदा कर रहे हैं।
भाजपा की सरकार आने के बाद उनके ऊपर उस दौरान जितने मुकदमे किए गए थे सभी को योगी आदित्यनाथ ने समाप्त कर उनका सहयोग किया। इसलिए वह भाजपा सरकार का आभार जताते हैं।
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