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धपरी शिवलिंग विवाद: आरोपियों को नहीं मिली जमानत, कोर्ट ने कागजात पूरे करने का दिया निर्देश

अगस्त माह में धपरी निवासी फरहा अली की जमीन पर सकलैन हैदर द्वारा खुदाई कराई जा रही थी, इसी दौरान वहां प्राचीन शिवलिंग मिला। इस घटना के बाद गांव में विवाद खड़ा हो गया।
 

अलीनगर थाना क्षेत्र के धपरी गांव का मामला

प्राचीन शिवलिंग मिलने से गांव में बढ़ा विवाद

जमीन को मंदिर को देने की उठी मांग

सकलैन हैदर पर अवैध कब्जे का आरोप

कागजात अधूरे रहने से जमानत नहीं मिली

चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के धपरी गांव में प्राचीन शिवलिंग मिलने के बाद उपजे विवाद के मामले में शनिवार को एसडीएम न्यायालय में सुनवाई हुई। लेकिन निर्धारित बंध पत्र और प्रतिभूति के कागजात प्रस्तुत न होने के कारण किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिल सकी। एसडीएम अनुपम मिश्रा ने स्पष्ट किया कि जब तक न्यायालय में आवश्यक धनराशि के बंध पत्र और प्रतिभूतियां प्रस्तुत नहीं की जातीं, तब तक जमानत पर विचार संभव नहीं है।

गौरतलब है कि बीते अगस्त माह में धपरी निवासी फरहा अली की जमीन पर सकलैन हैदर द्वारा खुदाई कराई जा रही थी, इसी दौरान वहां प्राचीन शिवलिंग मिला। इस घटना के बाद गांव में विवाद खड़ा हो गया। प्रशासन की मौजूदगी में शिवलिंग को पास के मंदिर में स्थापित करा दिया गया था, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने पुनः उसे खुदाई वाली जगह पर रखकर पूजा शुरू कर दी। इसी से गांव में तनाव बढ़ गया।

ग्रामीणों ने जहां पूरी ग्राम समाज की जमीन मंदिर को देने की मांग की, वहीं सकलैन हैदर पर अवैध कब्जे का आरोप भी लगाया। विवाद बढ़ने पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसडीएम व सीओ ने हस्तक्षेप किया और अलीनगर थाना प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान संजय सोनकर, पूर्व प्रधान जीवन प्रसाद, संदीप सिंह, जितेंद्र सिंह, चंद्रिका तिवारी, बृजेश सिंह और अंकित जायसवाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 126/135 के तहत कार्रवाई की।

न्यायालय ने सभी आरोपियों को दस लाख रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र और इतनी ही राशि की दो प्रतिभूतियां जमा करने का आदेश दिया था। शनिवार को सुनवाई के दौरान कोई भी आरोपी आवश्यक कागजात जमा नहीं कर सका, जिस कारण उनकी जमानत अटकी रह गई। अब कागजात पूरे होने के बाद ही अगली सुनवाई में निर्णय लिया जाएगा।

इस बाबत उप जिलाधिकारी अनुपम मिश्रा ने बताया कि निर्धारित राशि का बंध पत्र और प्रतिभूति न होने के कारण जमानत मंजूर नहीं की गई है। जब उक्त धनराशि के बंध पत्र न्यायालय में आएंगे तब उसे पर विचार किया जाएगा।

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