RPF DDU का एक्शन, 9 नाबालिग बच्चों का रेस्क्यू कर 2 ट्रैफिकर को दबोचा
बच्चों की तस्करी करने वालों को गिरफ्तार कर भेजा जेल
सीमांचल एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे थे बच्चे
बचपन बचाओ की टीम के साथ की कार्रवाई
चंदौली जिले के डीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ द्वारा रेस्क्यू कर 9 बच्चों को बचाने का कार्य किया गया। इन्हें सीमांचल एक्सप्रेस के माध्यम से काम करने के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था।
आपको बता दे कि आरपीएफ और बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने शुक्रवार को सुबह सीमांचल एक्सप्रेस से नौ नाबालिगों को मुक्त कराया। साथ ही दो ट्रैफिकर को गिरफ्तार किया। मजदूरी कराने के लिए आरोपी बिहार के अररिया से नाबालिगों को लेकर दिल्ली जा रहे थे। मामले में मुगलसराय कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर नाबालिगों को चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया।
इस सम्बंध में आरपीएफ के निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि सुबह नौ बजे प्लेटफार्म संख्या छह पर सीमांचल एक्सप्रेस के जनरल कोच में नौ नाबालिग संदिग्ध दिखे। उनके साथ दो युवक भी थे। टीम ने दोनों पूछताछ की तो सही जवाब नहीं दे सके। नाबालिगों ने बताया कि हम दिल्ली में खिलौना बनाने के कारखाने में काम करने जा रहे हैं। इसके बाद नाबालिगों को और दोनों युवकों को ट्रेन से उतार लिया गया।
पकड़े गए आरोपी छेदी सदा निवासी हलधरा, थाना कुर्साकाटा, जिला अररिया और छोटू निवासी तारबारी, थाना महलगांव, जिला अररिया, बिहार के निवासी हैं। आरोपी नाबालिगों को दिल्ली लेकर जा रहे थे। बताया कि वहां खिलौने की कंपनी में नाबालिगों से 12 घंटे काम कराया जाता है और प्रतिमाह छह हजार रुपये मजदूरी मिलती है। नाबालिगों के परिवार को एक से डेढ हजार रुपये एडवांस दिया गया है। इसके बाद सभी नाबालिगों को चाइल्ड हेल्प लाइन के टीम मेंबर शंभू यादव को सुपुर्द कर दिया गया। वहीं, दोनों ट्रैफिकर को मुगलसराय कोतवाली को सौंप दिया गया।
जहां पर अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 222/2024 के अंतर्गत धारा- 370 भारतीय दंड विधान दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
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