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जवानों की हत्या के बाद भी सक्रिय है तस्करों का सिंडिकेट, 23 तस्कर गिरफ्तार

बिहार में शराब बंदी के बाद से ट्रेनों से शराब की तस्करी शराब तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। छोटे तस्करों के अलावा बड़े तस्करों का मजबूत सिंडिकेट सक्रिय है।
 

गाजीपुर के गहमर में मिली थी आरपीएफ जवानों की लाशें

चार महीने में पकड़ी गई तीन लाख की शराब

तीन महिलाओं समेत 23 तस्कर किए गए गिरफ्तार

बिहार में शराबबंदी के बाद बढ़ी ट्रेनों से शराब तस्करी की घटनाएं

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में आरपीएफ के दो जवानों की हत्या के बाद भी शराब तस्करों का सिंडिकेट सुरक्षा एजेंसियां नहीं तोड़ पाई। यही वजह है कि ट्रेनों से शराब की तस्करी लगातार हो रही है। जीआरपी और आरपीएफ पिछले चार महीने में तीन लाख की शराव पकड़ चुकी है। सवाल यह उठता है कि शराब तस्करों के सिर पर किसका हाथ है।

आपको बता दें कोलकाता रूट की ट्रेनों से नकदी के अलावा सोने-चांदी, कछुआ, नशीले पदार्थों की तस्करी होती है। बिहार में शराब बंदी के बाद से ट्रेनों से शराब की तस्करी शराब तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। छोटे तस्करों के अलावा बड़े तस्करों का मजबूत सिंडिकेट सक्रिय है। 19 अगस्त की रात शराब तस्करों ने बाड़मेर एक्सप्रेस से मोकामा ट्रेनिंग सेंटर जाते समय आरपीएफ के आरक्षी प्रमोद कुमार सिंह और मोहम्मद जावेद की हत्या कर ट्रेन से नीचे फेंक दिया था।

मुख्य आरोपी का एनकाउंटर
बता दें कि गाजीपुर जिले के गहमर थाना क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के किनारे दोनों की लाशें मिली थीं। इस मामले में आठ नामजद समेत 13 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। गाजीपुर पुलिस, नोएडा एसटीएफ और जीआरपी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य आरोपी मुहम्मद जाहिद उर्फ सोनू पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था, जो 24 सितंबर को इनकाउंटर में उसे मारा गया था। शुरूआती जांच में पता चला कि आरोपी तस्कर पीडीडीयू जंक्शन से ट्रेन में सवार हुए थे।

बताते चलें कि घटना के बाद दो-चार दिन तो रोक शराब की तस्करी रुक गई थी लेकिन इसके बाद तस्कर फिर सक्रिय हो गए। अगस्त से अब तक पीडीडीयू जंक्शन से करीब तीन लाख रुपये की शराब बरामद की जा चुकी है। वहीं, तीन महिलाओं समेत 23 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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