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शिक्षकों को बचाने के लिए अच्छी खासी रकम वसूल रहे हैं नौगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी

चंदौली जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के नौगढ़  ब्लॉक में तैनात शिक्षकों एवं खंड शिक्षा अधिकारी के कारनामे के पार्ट 3 में कुछ बातों और जानकारियों से आपको अवगत कराया जा सकता है।
 

खंड शिक्षा अधिकारी व शिक्षक के पैसा लेनदेन की ऑडियो चंदौली समाचार के पास

बीएसए साहब दे रहे हैं जांच और कार्रवाई का आश्वासन

खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जांच समिति का हुआ गठन

चंदौली जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के नौगढ़  ब्लॉक में तैनात शिक्षकों एवं खंड शिक्षा अधिकारी के कारनामे के पार्ट 3 में कुछ बातों और जानकारियों से आपको अवगत कराया जा सकता है। नयी जानकारियों को इस दौरान आप के सामने पेश किया जा रहा है। इसमें खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच के नाम पर पैसा लेने तथा अध्यापकों को बचाने के नाम पर उच्च अधिकारियों को पैसा देने का मामला संज्ञान में आया है। 

इसको सुनने से पता चल रहा है कि इस गोरखधंधे में कई लोगों की मिलीभगत है। इनकी वसूली का एक ऑडियो भी चंदौली समाचार  हाथ में लग गया है, जिसमें जिसमें तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी व अध्यापक द्वारा पैसे के लेनदेन का ऑडियो रिकॉर्ड है।  इस  ऑडियो के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी व अध्यापकों की जांच के लिए एक समिति बनाकर जांच करने की बात कही  जा रही है।

बता दें कि चंदौली जिले के नौगढ़ में शिक्षा विभाग के कुछ अध्यापक  हैं, जो की नौकरी न करने के बावजूद अधिकारियों की मिली भगत से पूरा वेतन उठाने का काम कर रहे हैं और इसकी शिकायत किए जाने पर जांच के नाम पर खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा सूची में नाम उजागर हुए अध्यापकों से उनके पक्ष में जांच रिपोर्ट लगाने तथा उन्हें बचाने के लिए मोटी रकम का सौदा किया जा रहा है।


 
इस ऑडियो में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी  सुरेंद्र प्रताप सहाय द्वारा कहा जा रहा है कि जांच में बचाने के लिए और अधिकारियों को मैनेज करने के लिए पैसा लगेगा, जिसमें 30 हजार  से 25 हजार रुपए की बात कही जा रही है ।

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इस तरह की शिकायतों अध्यापक द्वारा कहा जा रहा है कि पहले के खंड शिक्षा अधिकारी ने भी पैसा लेकर चले गए हैं। आप रेट कुछ काम कर दें, जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा कहीं दूसरे जगह रहने का हवाला देकर फोन काट दिया जाता है। 

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इस मामले की जानकारी जब  बेसिक शिक्षा अधिकारी  प्रकाश सिंह को दी गई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित मामले में एक समिति गठित कर मामले की जांच करने तथा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही है।

अब देखना है कि नए बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने विभाग के ऐसे अधिकारियों तथा शिक्षकों के खिलाफ कैसी कार्यवाही की जाती है या केवल गीदड़ भभकी देकर उनसे मोटी रकम लेकर आगे ऐसे ही काम करने की नसीहत देते रहते हैं।

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