लगता है छत्रबली सिंह अबकी बार ले लेंगे किसी विधायक की 'बलि', यही कहती है तैयारी की स्पीड
लगता है छत्रबली सिंह अबकी बार ले लेंगे किसी विधायक की 'बलि
बूथ मैनेजमेंट व मेलजोल कार्यक्रम में आयी तेजी
उड़ने लगी हैं अन्य दावेदारों की हवाइयां
चंदौली जिले में राजनीति के गलियारे में देखा जाए तो तो कहीं ना कहीं अपने राजनीतिक चाल व सफल होने का फॉर्मूला तैयार करने वाले नेताओं में सबसे पहले यदि किसी महाबली का नाम आता है तो वह महाबली छत्रबली सिंह कहलाता है, क्योंकि यह वही छत्रबली हैं, जो अपने आप को तीनों सरकार में फिट करने की ऐसी महारत रखते हैं, जो जिले के किसी और राजनेता नें नहीं है। हालात की मजबूरी हो या राजनीतिक समीकरण उसका फायदा उठाने की कला तो कोई छत्रबली सिंह से सीख सकता है। ऐसा लगता है कि इस चुनाव के पहले छत्रबली सिंह किसी भाजपा विधायक या दावेदार की 'बलि' जरूर ले लेंगे।
कहा जाता है कि यदि छत्रबली सिंह ने कोई संकल्प कर लिया तो उसको पूरा करने में वह कहीं से भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। इसीलिए उनकी हर आहट विरोधी खेमे व अन्य लोगों की घबराहट बढ़ा देने का काम करती है। जिला पंचायत में अपना एकछत्र राज कायम करने वाले छत्रबली सिंह अब अगली तैयारी विधानसभा का चुनाव लड़कर प्रदेश की विधानसभा की चौखट लांघने की है।

छत्रबली सिंह की टीम दे रही दस्तक
चंदौली जिले में अब देखा जा रहा है कि जिला पंचायत के बाद अब छत्रबली का दायरा बढ़ते-बढ़ते विधानसभा की ओर चल दिया है। अपनी अगली राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूर्ण करने में छत्रबली की बूथ स्तरीय टीम के साथ-साथ मेल-जोल व प्रचार प्रसार टीम क्षेत्र में निकलकर अपना काम शुरू कर दी है। इसके साथ साथ अपने आप को बूथ स्तर पर मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ साथ अलग अलग स्तर के पदाधिकारियों से उनके लोग मिलना जुलना तेज कर रहे हैं। खासतौर पर उनकी नजर ऐसे भाजपाइयों पर भी है जो विधायक साधना सिंह या भाजपा के अन्य नेताओं से खार खाए बैठे हैं। ऐसे सभी लोगों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम तेज कर चुके हैं।
मिशन विधानसभा 2022
बताते चलें कि इस समय छत्रबली ने अपना नया मिशन विधानसभा 2022 शुरू कर दिया है। अपनी कुशल राजनीति की अगली पारी विधानसभा से शुरू करने की इच्छा जता चुके छत्रबली सिंह चुनाव लड़ने पूरे मूड में आ चुके हैं। ऐसा लगता है कि इसके लिए उन्हें कहीं ना कहीं से पक्का इशारा व भरोसा मिल चुका है। इसीलिए अपनी पहली पसंदीदा व भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित कही जाने वाली मुगलसराय विधानसभा सीट पर अपना काम जोरशोर शुरू करवा दिया। उनकी इस तेजी से कई टिकट के दावेदारों की हवाइयां उड़ने लगी हैं। वहीं भाजपा की मौजूदा विधायक भी खुद कुछ बोलने की स्थिति में नहीं दिखायी दे रही हैं। स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं में ऐसा संदेश भी जा रहा है कि छत्रबली सिंह की तेजी के आगे साधना सिंह खुद को असहाय महसूस करने लगी हैं, लेकिन अपनी दावेदारी के नाम वह खुद को सबसे बड़ा दावेदार बताने की कोशिश कर रही हैं।
जैसे ही जिला पंचायत की सीट पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हुयी। छत्रबली सिंह एक बेहतरीन प्लानर की तरह काम करते हुए अपने खासमखास दीनानाथ शर्मा को जिला पंचायत की कुर्सी सौंपने का काम कर दिया। इतना ही नहीं पिछली बार जिला पंचायत की दो-दो सीट अपने परिवार के कब्जे में रखने वाले छत्रबली सिंह ने जब जिला पंचायत का पर्चा नहीं भरा तभी यह तय हो गया था कि अब छत्रबली सिंह कोई और राजनीतिक पद अपने कब्जे में करने की योजना बना चुके हैं। तभी से वह विधानसभा के लिए जमीन तलाशने का कार्य शुरू कर दिया था।
छत्रबली सिंह ने अपना एक कॉलेज मुगलसराय विधानसभा के इलाके में इसी उद्देश्य के साथ प्लान किया था, लेकिन कुछ लोग उनको अंडर इस्टीमेट करते रहे। अब जब वह मुगलसराय के सीट पर चुनाव लड़ने की अपना इच्छा जता चुके हैं और इसके लिए तैयारी को तेज करते हुए अपनी दावेदारी को सबसे मजबूत करने में जुटे हैं तो कई लोगों की पेट में दर्द होना स्वाभाविक है।
बूथ स्तर की तैयारी तेज
छत्रबली सिंह की बूथ स्तर की इस तैयारी से ऐसा लग रहा है कि छत्रबली कहीं ना कहीं कोई बड़ा संकेत पाने के बाद अब मुगलसराय विधानसभा में अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है, जिसके कारण यह भी माना जा सकता है कि छत्रबली अपने को फिट करने के लिए किसी की भी बलि ले सकते हैं। जब से छत्रबली द्वारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण की गई है, तब से वह नए-नए अंदाज में अपना भाजपा में दबदबा बढ़ा ने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
सरिता सिंह भी वैकल्पिक दावेदार
ऐसी भी चर्चा है कि अगर किसी कारण से लोगों ने छत्रबली सिंह का विरोध किया तो महिला दावेदार के रूप में सरिता सिंह भी एक मजबूत विकल्प बनकर अन्य लोगों का पत्ता साफ कर सकती हैं। इसीलिए छत्रबली सिंह केवल अपनी ही नहीं सरिता सिंह के नाम पर भी राजी हो सकते हैं। बस टिकट उनके खासमखास के पास रहे।
जानिए क्या कहती हैं साधना सिंह
अब सवाल उठता है कि क्या मुगलसराय विधायक किसी मामले में कमजोर हैं तभी तो उनके खिलाफ कई दावेदार लगभग एक साल से अपनी तैयारी करके बैनर पोस्टर होर्डिंग लगवाने का काम कर रहे हैं। उनकी ही विधानसभा में सबसे ज्यादा संभावित दावेदारों की संख्या है और हर दावेदार खुद को अगला प्रत्याशी जताने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।
वैसे को विधायक साधना सिंह द्वारा अक्सर अपना टिकट पक्का होने का दावा करती रहती हैं और साथ में यह भी कहना नहीं भूलती हैं कि पार्टी में टिकट मांगने व चुनाव लड़ने का दावा ठोंकना पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का अधिकार है। पार्टी सबकी दावेदारी व स्थिति देखकर फैसला करती है और जीतने वाले कंडीडेट को टिकट देना पसंद करती है। इसीलिए वह अपनी तैयारी कर रही हैं। बाकी पार्टी का जैसा निर्देश होगा वैसा काम करेंगी।
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अब देखना है कि ऐसी स्थिति में मुगलसराय पार्टी इन्हें अपना दावेदार बनाती है तो साधना सिंह को किस जगह से उम्मीदवार बनाया जाता है या उनको कोई और जिम्मेदारी देकर मुख्यधारा की राजनीति से दरकिनार कर दिया जाता है। हालांकि जिले की तेजतर्रार महिला नेताओं में शुमार व पार्टी के लिए लंबे समय से संघर्ष करने वाली साधना सिंह का टिकट कटना इतना आसान न होगा, क्योंकि महिला का टिकट काटकर भाजपा का आलाकमान विपक्ष के निशाने पर भी आएगा।
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