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CO के समझाने के बाद चक्का जाम हुआ समाप्त, तब पुलिस ने शव को लिया कब्जे में, पीएम हाउस भेजने की तैयारी

चंदौली जिला के चकिया कोतवाली अंतर्गत मंगरौर गांव में शुक्रवार की देर रात साढे दस बजे गिट्टी लाकर आ रही अनियंत्रित बोगा ट्रैक्टर की चपेट में आने से किशन 18 वर्ष की घटनास्थल पर दर्दनाक मौत हो गई।
 

आठ बहनों का इकलौता भाई था किशन

घटना के बाद परिवार वालों का बुरा हाल

हादसे के बाद गांव में छाया मातम

पुलिस कर रही गांव वालों पर भी एक्शन लेने की तैयारी

चंदौली जिला के चकिया कोतवाली अंतर्गत मंगरौर गांव में शुक्रवार की देर रात साढे दस बजे गिट्टी लाकर आ रही अनियंत्रित बोगा ट्रैक्टर की चपेट में आने से किशन 18 वर्ष की घटनास्थल पर दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साये ग्रामीणों ने ट्रैक्टर चालक के न मिलने पर मौके पर मौजूद पीआरबी के जवानों की जमकर धुनाई कर दी।

हालांकि सूचना मिलने पर सैदूपुर चौकी प्रभारी दुर्गा दत्त यादव सहित कई पुलिस कर्मियों के मौके पर पहुंचने के बाद पीआरबी के जवानों की जान बचपाई। वहीं ग्रामीणों ने शव को मंगला मां मंदिर के समीप सड़क पर रखकर रात में ही चक्का जाम कर दिया। रात्रि 2 बजे के लगभग पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे सीओ आशुतोष के समझाने बुझाने के बाद ग्रामीण माने। पुलिस शव को कब्जे में लेकर चकिया जिला अस्पताल के मर्चरी में रखवा दिया। जिसे पीएम हाउस भेजने की तैयारी की जा रही है।

 मगरौर गांव निवासी पीआरडी जवान रमाशंकर साहनी के आठ पुत्रियों के बाद किशन इकलौता पुत्र था। इलिया-चकिया मार्ग पर मंगरौर गांव में अपने घर से कुछ दूरी पर साथियों के साथ सीएनजी ऑटो के पास किशन खड़ा था, इसी बीच तेज रफ्तार में बड़े डाला वाली बोगा ट्रैक्टर की चपेट में आने से किशन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

 घटना के बाद चालक ट्रैक्टर लेकर सैदूपुर की तरफ भाग रहा था इधर किशन की मौत से गुस्साये ग्रामीणों ने ट्रैक्टर का पीछा कर बरहुआ गांव के पास पकड़ लिया मामले की स्थिति भांपकर रात के अंधेरे का लाभ उठाकर चालक फरार हो गया। वहीं मौके पर मौजूद पीआरबी के जवानों पर चालक को भगाने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने पुलिस वालों की जमकर धुनाई शुरू कर दी। ग्रामीणों की पिटाई से बुरी तरह जख्मी हो चुके पीआरबी के जवानों की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस फोर्स में जान बचाई।

घटना के बाद ग्रामीणों ने इलिया चकिया मार्ग पर मगरौर गांव के मंगला मंदिर के समीप शव को सड़क पर रखकर रात में ही चक्का जाम कर दिया और उच्चाधिकारियों के मौके पर आने की मांग कर रहे थे। रात्रि 2 बजे की लगभग पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी आशुतोष ने ग्रामीणों को समझा बूझाकर शव को कब्जे में लिया और चकिया स्थित जिला अस्पताल के मर्चरी में रखवा दिया। घटना के बाद मृतक के परिवार में कोहराम मच गया। मृतक की मां सहित पूरे परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। वही घटना के बाद गांव में मातम छाया हुआ है।

वहीं ऐसी भी सूचना मिल रही है कि पुलिसकर्मियों को पीटने के साथ साथ सड़क पर लाश रखकर बवाल करने के मामले में पुलिस गांव वालों पर भी एक्शन लेने की तैयारी कर रही है।

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