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CBI की गिरफ्त में आये डॉक्टर सुनील निकला साल्वर, ऐसा रहा है कारनामा

आरोप है कि सुनील ने ही साल्वर के रूप में उन्हें उत्तर बताकर पास कराया था। इसके बाद वह जांच की जद में आ गया था। तभी से सीबीआई जांच में लगी रही और उसकी गिरफ्तारी हुई है।
 

डॉक्टर साहब ने पास कराए पीएमटी में 20 परीक्षार्थी

सीबीआई की पूछताछ के बाद सामने आया मामला

जालसाजी से मेडिकल में दाखिला पाने वाले चिकित्सक भी रडार पर

कई और लोगों के फंसने की उम्मीद

चंदौली जिले के नौगढ़ क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर सुनील का मामला 2012 में मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए पीएमटी से जुड़ा है। उस दौरान सुनील ने इटावा के रुरल इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर में भी दाखिले के लिए पीएमटी को प्रवेश परीक्षा दी थी।

आपको बता दें कि सुनील ने पीएमटी के लिए यह परीक्षाएं मध्यप्रदेश के इंदौर व उत्तर प्रदेश के इटावा में दी थीं। संयोग ही था दोनों स्थानों पर उसने परीक्षा पास कर ली। चूंकि सुनील कानपुर रहने वाला था इसलिए उसने एमबीबीएस की पढ़ाई करने इटावा को प्राथमिकता दी। उस समय मध्यप्रदेश में भी पीएमटी में सुनील के आसपास के रोल नंबर वाले परीक्षार्थी भी पास हुए थे।

बताते चलें कि उनसे मामले में पूछताछ की गई थी। आरोप है कि सुनील ने ही साल्वर के रूप में उन्हें उत्तर बताकर पास कराया था। इसके बाद वह जांच की जद में आ गया था। तभी से सीबीआई जांच में लगी रही और उसकी गिरफ्तारी हुई है।

व्यापम घोटाले में भोपाल से आई सीबीआई की टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से गुरुवार को डॉक्टर सुनील सिंह को गिरफ्तार किया। छापेमारी से पहले डॉक्टर की गिरफ्तारी को लेकर स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी गई। चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर अवधेश पटेल को भी कार्रवाई को लेकर अवगत कराया था।

 डॉक्टर सुनील सीएचसी में दो वर्षों से कार्यरत हैं। दबी जुबान लोगों का कहना है कि सीधे-साधे दिखने वाले डॉक्टर ऐसे भी घोटाले में लिप्त कैसे हो गए। सुनील बुधवार से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ बता रहा है। टीम के लोगों ने चिकित्सक को उसके आवास पर ले जाकर पूछताछ की। इसके बाद सीबीआई टीम चिकित्सक को लेकर चली गई। कहां ले गई इसकी जानकारी नहीं हो सकी है।

इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरबी शरण का कहना है कि डॉक्टर सुनील इटावा में रूरल इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर से फरवरी 2017 में एमबीबीएस किया। उसके साथ और भी छात्रों ने पीएमटी पास की। उसी प्रवेश परीक्षा की जालसाजी में सुनील का भी नाम था। मध्यप्रदेश में हुई परीक्षा के बाद सुनील के आसपास के कई छात्रों का नाम सामने आया।


धोखाधड़ी, फ्रॉड करने के हैं आरोप
बताया जा रहा है कि डॉ. सुनील की पहली नियुक्ति 2020 में हुई। उसके ऊपर धोखाधड़ी, मूल्यवान प्रतिभूति वसीयत या किसी मूल्यवान प्रतिभूति को बनाने या हस्तांतरण करने का प्राधिकार या कोई धन प्राप्त करने आदि के लिए कूटरचना करना, फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक रिकार्ड का उपयोग धोखाधड़ी के प्रयोजन के लिए करना, जाली व कूटरचित दस्तावेज का उपयोग करना या कोई व्यक्ति जानबूझकर गैरकानूनी तरीके से किसी नकली दस्तावेज का इस्तेमाल करने का आरोप है। इन्ही धाराओं के तहत आरोपित पर केस दर्ज किया गया है।

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