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जिले के 'विकास पुरुषों' के पास है जरूरत के समय खाद की किल्लत दूर करने की योजना..?

गेहूं की बोआई शुरू होते ही हर साल की तरह इस साल भी डीएपी और यूरिया खाद की किल्लत शुरू हो गयी। अधिकारियों की प्लानिंग के अभाव में सहकारी समितियों से भी खाद गायब हो गई है।
 

चंदौली में खाद की किल्लत शुरू

डीएपी व यूरिया के लिए मारामारी

समिति पर कब मिलेगी खाद नहीं मिल पा रही जानकारी

दुकानों पर महंगे रेट में चोरी-चुपके बिक रही खाद

चंदौली जिले में गेहूं की बोआई शुरू होते ही हर साल की तरह इस साल भी डीएपी और यूरिया खाद की किल्लत शुरू हो गयी। अधिकारियों की प्लानिंग के अभाव में सहकारी समितियों से भी खाद गायब हो गई है। यह स्थिति जल्द सुधरने वाली नहीं है। कृषि प्रधान चंदौली जनपद में किसानों को बोआई के समय खाद की किल्लत खत्म करने के लिए चंदौली के विकास पुरुष के पास कोई योजना नहीं है। न ही वह इसमें कोई पहल करना चाहता हैं। 

किसान नेताओं ने कहा कि जिले के खेती करने वाले अधिकांश किसान निजी दुकानों से महंगे दर पर खाद खरीदकर खेती करने को विवश हो रहे हैं और अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं। जिले के विकास पुरुष व विकास के लिए लाखों-करोड़ों की परियोजनाओं की चकाचौंध दिखाने वाले विधायक जी लोग भी कान में तेल डालकर बैठे हैं।

लोगों का कहना है कि चंदौली जिले के कृषि प्रधान जनपद होने के बावजूद यहां हमेशा खाद, बीज, बिजली व पानी समय से उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान हमेशा परेशान रहत हैं। इसीलिए उनको खेती एक घाटे का सौदा साबित होती है। कई वर्षों से रबी के फसल की बोआई के समय खाद की कमी के कारण किसानों को लंबी लाइन लगानी पड़ती है। वर्तमान में क्षेत्र की समितियों से डीएपी गायब है। हालांकि पिछले दिनों समितियों पर एक-एक ट्रक खाद भेजी गई थी लेकिन यह किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई।

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इस समय क्षेत्र के साधन सहकारी समिति धूसखास, संघति, डिग्घी, महरखा आदि पर खाद उपलब्ध नहीं है। किसान समितियों का चक्कर लगाने को विवश हैं। किसानों का कहना है कि मौसम की बेरुखी के कारण एक तरफ जहां धान की फसल बर्बाद हो रही है। वहीं दूसरी तरफ खाद नहीं मिल पा रही है। जब जरूरत के समय किसानों को समितियों पर खाद नहीं मिलती है। खाद आ भी जाए तो किसानों को लाइन में लगना पड़ता है। वहीं खाद के लिए अंगूठा लगाना मुसीबत भरा है। 

इस संबंध में  अजय कुमार मौर्य ने बताया कि खाद आई थी, जिसका किसानों में वितरण करा दिया गया है। शीघ्र ही समितियों पर खाद उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी।

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