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मछली पालन के कारोबार में आजमाएं अपना हाथ, इस योजना का उठाएं लाभ

चंदौली जिले के ऐसे लोगों के लिए मौका है, जो मछली पालन के कारोबार में हाथ आजमाना चाहते हैं। इसके लिए अनुदान मिलेगा। इसके  लिए  तालाब की खोदाई करवाने वालों के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
 

चंदौली में मछली पालन की संभावनाएं

सहायक निदेशक मत्स्य ने मांगे हैं आवेदन

19 जनवरी तक मत्स्य विभाग में जमा करें फॉर्म

तालाब खोदने व मछली पालन के लिए अनुदान

चंदौली जिले के ऐसे लोगों के लिए मौका है, जो मछली पालन के कारोबार में हाथ आजमाना चाहते हैं। इसके लिए अनुदान मिलेगा। इसके  लिए  तालाब की खोदाई करवाने वालों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। तालाब की खोदाई के लिए इच्छुक किसान 19 जनवरी तक मत्स्य विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करके योजना का लाभ ले सकते हैं।

जिले के सहायक निदेशक मत्स्य रवींद्र प्रसाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत तालाब निर्माण, रियरिंग यूनिट, पेन कल्चर, आधुनिक तकनीकी से मछली पालन के आरएसएस के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके इच्छुक किसान विभाग की वेबसाइट fisheriesup.gov पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत तक अनुदान मिलने की उम्मीद है।

 fish farming in chandauli


एक मीटर गहराई 0.25 हेक्टेयर की चार नर्सरी रियरिंग यूनिट तालाब निर्माण के लिए निजी भूमि या भूमि का न्यूनतम सात वर्ष रजिस्टर्ड पट्टा लीज होना चाहिए। अनुदान का लाभ व्यक्तिगत आवेदक के लिए दो हेक्टेयर और स्वयं सहायता समूह, ज्वाइन्ट लाइविल्टी ग्रुप व मत्स्य जीवी सहकारी समितियों को 20 हेक्टेयर की सीमा तक ही अनुदान मिलेगा।


आरएसएस यानी वृहद री-सर्कुलेटरी सिस्टम के लिए 20 लाख रुपये से अधिक परियोजना लागत में लाभार्थी अंश का कम से कम 25 प्रतिशत बैंक ऋण लेना अनिवार्य होगा। आवेदक के पास पर्याप्त मात्रा में भूमि होनी चाहिए। एक आवेदक के लिए एक यूनिट की सीमा तक ही अनुदान मिलेगा। स्वयं सहायता समूह, ज्वाइन्ट लाइविल्टी ग्रुप व मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के लिए दो यूनिट तय की गई है।

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मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए जलाशयों, नदियों व जलाशय वाले क्षेत्रों में पेन कल्चर के निर्माण के लिए तीन लाख तक की परियोजनाओं में अंत्योदय एवं बीपीएल कार्ड धारकों को वरीयता प्रदान की जाएगी। पेन कल्चर स्थापना के लिए जलक्षेत्र की उपलब्धता होनी चाहिए। एक व्यक्ति को अधिकतम दो हेक्टेयर एवं स्वयं सहायता समूह  व ज्वाइन्ट लाइविल्टी ग्रुप व मत्स्य जीवी सहकारी समितियों को 20 हेक्टेयर की सीमा तक ही अनुदान मिलेगा। इकाई लागत तीन लाख रुपये प्रति यूनिट होगी। जिसपर सामान्य व अन्य जाति के आवेदक को 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला वर्ग को 60 प्रतिशत अनुदान क लाभ मिलेगा।

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