सड़क के किनारे बसे 5 गांवों के 219 भवन स्वामियों को मिलेगा मुआवजा, जानिए किन गांवों के कितने लोग फाइनल
बिना मुआवजा दिए ध्वस्तीकरण का ग्रामीणों ने किया था विरोध
हंगामे के बाद टूटी प्रशासन की नींद
ग्रामीणों के साथ बैठक कर अधिकारियों ने की सुलह
अब 5 गांव के 219 भू स्वामियों को मिलेगा मुआवजा
चंदौली जिले में पड़ाव में रामनगर टेंगरा मोड़ तक मार्ग चौड़ीकरण के लिए पीड़ितों को बिना मुआवजा दिए ध्वस्तीकरण किए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों के द्वारा मंगलवार को हंगामा करने के बाद प्रशासन की नींद खुली। बुधवार को तहसीलदार राहुल और लोक निर्माण विभाग, वाराणसी के सहायक अभियंता जितेंद्र सिंह ने ग्रामीणों संग बैठक की और हर बिंदु को लेकर सहमति बनी। तय हुआ कि आबादी के जमीन का मुआवजा नहीं दिया जाएगा, केवल भवन का मुआवजा ही मिलेगा।
इस दौरान कटेसर के 35, भोजपुर के 53, सेमरा के 49, चौरहट के 55 और जलीलपुर के 27 यानि कुल 219 भवन का चयन किया गया है, जिन्हें मुआवजा मिलेगा। हालांकि, इनकी संख्या बढ़ भी सकती है।
ग्रामीणों का आरोप था कि उनकी भूमि और संपत्तियों का उचित मुआवजा दिए बिना ही तोड़फोड़ की जा रही है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि ग्रामीणों में डर का माहौल बना दिया गया है। पीडब्ल्यूडी और प्रशासन के दबाव के चलते कई लोग अपना घर खुद तोड़ने पर विवश हो गए हैं। कहा कि मुआवजे के बिना यह कार्रवाई न केवल अवैध है, बल्कि उनके साथ अन्याय भी है।
प्रभावित परिवारों का कहना है कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने उनसे बैंक पासबुक, भूमि से संबंधित कागजात और आधार कार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेज जमा करवा लिए हैं, लेकिन अब तक मुआवजे की कोई ठोस प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई। इसके विपरीत विभाग शाम ढलते ही बुलडोजर चलाकर संपत्तियों को तोड़ने में जुटा है। बिना मुआवजे के उनके आश्रय और आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।
हंगामा के बाद प्रशासन व ग्रामीणों में बनी सहमति
तहसीलदार ने पड़ाव रामनगर मार्ग निर्माण में फोर लेन चौड़ीकरण में आने वाले आबादी के भवन का क्षतिपूर्ति और नंबर के भूमि का और भवन का अलग मुआवजा देने की बात कही।
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