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उपेंद्र सिंह गुड्डू को महंगा पड़ा भाजपा नेताओं से टक्कर लेना, 6 महीने के लिए हो गए जिला बदर

इनके बारे में कहा जा रहा है कि इसका थाना क्षेत्र व आसपास में इतना भय वह आतंक व्याप्त है कि इसके डर से जनता का कोई व्यक्ति गवाही देने तथा थाने पर सूचना देने की साहस नहीं जुटा पाता है।
 

गुंडा एक्ट के तहत हो गयी कार्रवाई

पूर्व जिला पंचायत सदस्य उपेंद्र सिंह गुड्डू तड़ीपार घोषित

6 महीने के दौरान उनको देनी होगी हर हफ्ते थाने में हाजिरी

जानिए अब क्या कर पाएंगे उपेंद्र सिंह गुड्डू

चंदौली जिले के पुलिस अधीक्षक की आख्या के साथ-साथ  बलुआ थाना प्रभारी की चलानी रिपोर्ट पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख पति उपेंद्र सिंह गुड्डू को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के न्यायालय द्वारा 6 माह के लिए जिला बदर कर दिया गया है। इस दौरान उनके उपर तमाम तरह के प्रतिबंध रहेंगे।

बता दें कि चंदौली जिले के बलुआ थाना क्षेत्र के निवासी उपेंद्र सिंह पुत्र सत्यनारायण सिंह निवासी ग्राम समुदपुर थाना बलुआ जनपद चंदौली पर पुलिस अधीक्षक एवं बलुआ थाना की चलानी रिपोर्ट के आधार पर तथा अपराधिक इतिहास के अंतर्गत मुकदमा अपराध संख्या 91/ 2024 धारा 352 /351( 2)/ 127(2) बीएनएस  के अंतर्गत 6 8.2024 को बलुआ थाने में अपराध पंजीकृत है ।

वहीं 62 /2001 धारा 307 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत 20 जनवरी 2002 में मुकदमा पंजीकृत होने के साथ ही साथ 189 / 2005 120 बी ,384, 504 तथा 506 भारतीय दंड विधान थाना चंदौली जनपद चंदौली में 6  दिसंबर 2005 को मुकदमा पंजीकृत होने के साथ-साथ  बीट सूचना रपट संख्या 50 दिनांक 16 अगस्त 2024 तथा जांच भी सूचना रपट संख्या 58 दिनांक 16 जून 2024 के आधार पर न्यायालय जिला मजिस्ट्रेट चंदौली के वाद पंजीकृत कर सुनवाई हेतु स्थानांतरित होकर न्यायालय अपर जिला अधिकारी को प्राप्त हुई।

Upendra Singh Guddu

नियमानुसार वाद दर्जकर पुलिस अधीक्षक चंदौली के आख्या के साथ-साथ संलग्न उप जिला मजिस्ट्रेट सकलडीहा एवं प्रभारी निरीक्षक बलुआ की आख्या से सहमत होते हुए विपक्षी के विरुद्ध  पत्रांक संख्या 21 पेशकार दिनांक 9 अक्टूबर 2024 को उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 के धारा 3 (1) की नोटिस जारी की गई, जिसका न तो जवाब दिया और न ही पैरवी की।

 इन अपराध के उल्लेखित अभियुक्त उपेंद्र सिंह उर्फ सत्य नारायण सिंह को शातिर किस्म का गुंडा एवं अपराधी बताते हुए भारतीय दंड विधान के अध्याय 16 ,17 व 22 में वर्णित अपराधों को कार्य करने का अपराधी बताकर जिले से बाहर रहने का फरमान जारी कर दिया गया है।

Upendra Singh Guddu

इनके बारे में कहा जा रहा है कि इसका थाना क्षेत्र व आसपास में इतना भय वह आतंक व्याप्त है कि इसके डर से जनता का कोई व्यक्ति गवाही देने तथा थाने पर सूचना देने की साहस नहीं जुटा पाता है। इसीलिए अपराधी के कृत्यों को देखकर इसका जिले में रहना लोकहित में नहीं माना गया है।

विपक्षी द्वारा आपत्ति प्रस्तुत न किए जाने तथा वाद पर पैरवी न किए जाने एवं पुलिस रिपोर्ट की से यह स्पष्ट हो गया कि विपक्षी आप अपराधी प्रवृत्ति का अभ्यास अपराधी है, जिसे जनपद सीमा अंतर्गत बना रहने से शांति व्यवस्था की प्रतिकूल प्रभाव पढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।

इसीलिए अपर जिला मजिस्ट्रेट चंदौली उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 की धारा 3(3) के अंतर्गत प्रतीत शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपेन्द्र सिंह गुड्डू पुत्र सत्य नारायण सिंह को 24 घंटे के अंदर सीमा छोड़कर बाहर चले जाने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश की तिथि से 6 महीने की अवधि तक चंदौली जिले की सीमा में प्रवेश न कर पाएंगे।

Upendra Singh Guddu

 उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 के अंतर्गत निर्देशित किया जाता है कि अपने निष्कासन के 6 माह की अवधि के दौरान जनपद और जिस स्थान के थाना क्षेत्र में रह  व्यतीत करेगा वहां पहुंचकर वह उसी दिन से उसे क्षेत्र के थानाध्यक्ष एवं थाना प्रभारी के को इस आदेश से अवगत कराएगा और सप्ताह में एक बार उसे के समक्ष नियमित रूप से उपस्थित होता रहेगा।

वहां के थाना अध्यक्ष एवं थाना प्रभारी उपेन्द्र का साप्ताहिक उपस्थित का रजिस्टर बनाकर नियमित रूप से कड़ी निगरानी करते हुए उसकी उपस्थिति एवं क्रियाकलाप की मासिक सूचना इस न्यायालय तथा पुलिस अधीक्षक चंदौली को विपक्षी के बहिष्कासन  अवधि के पूर्ण होने तक उपलब्ध कराते रहेंगे। यदि विपक्षी को किसी दशा में प्रथम थाना को छोड़ने से पूर्व वहां के थाना प्रभारी एवं थाना अध्यक्ष को उक्त सूचना देगा ।उसके पश्चात ही क्षेत्र को छोड़ देगा तथा नियमित साप्ताहिक उपस्थिति बनाए रखेगा।

यदि विपक्षी के विरुद्ध चंदौली के फौजदारी न्यायालय में विचाराधीन है तो उसे नियत  तिथि पर न्यायालय में उपस्थित होने की अनुमति व चंदौली जिले की सीमा में प्रवेश हेतु उसे  उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 की धारा 4 के अंतर्गत प्रार्थना प्रस्तुत कर अनुमति प्रदान करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। बल्कि यह अनुमति इस प्रतिबंध के साथ बनी रहेगी कि वह मुकदमे का पूर्ण विवरण उसकी नियत तिथि सहित उसे क्षेत्र के थाना प्रभारी को उपलब्ध करा देगा और  फिर उन्हें सूचित करके उसे क्षेत्र को छोड़ेगा। परंतु चंदौली जिले के सीमा में वह मुकदमा की नियत तिथि के 24 घंटे पूर्व प्रवेश कर सकेगा तथा मुकदमा की सुनवाई के उपरांत वह उसी दिन न्यायालय के समय अवधि समाप्ति के 24 घंटे के अंदर चंदौली सीमा को छोड़कर वापस चला जाएगा और संबंधित थाना प्रभारी थानाध्यक्ष के समस्त उपस्थित होकर मुकदमे में अगली तारीख की तिथि अवगत करा कर वर्णित व्यवस्थाओं के अनुसार अपनी हाजिरी सुनिश्चित करेगा ।

इसके संबंध में आदेश का अनुपाल कराए जाने हेतु प्रेषित समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत बाद पत्रावली दाखिल दफ्तर करा दी गयी है।

इस आदेश का  कराते हुए उपेंद्र सिंह गुड्डू को जिला बदर की कार्यवाही 18 नवंबर 2024 को कर दी गई है। अब देखना है कि उपेंद्र सिंह गुड्डू इस जिला बदर की अवधि में किस जिले में रहकर अपने विरोधियों को जवाब देते हैं या इस कार्रवाई के बाद खामोश होकर बैठ जाते हैं।

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