बिजली निजीकरण के खिलाफ मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं का जुलूस और धरना

विद्युत निगम को निजी हाथों में सौंपने पर रोष
सरकार पर किसान और गरीब विरोधी होने का आरोप
स्मार्ट मीटर का किया विरोध और 300 यूनिट फ्री बिजली की मांग
उप जिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम का सौंपा ज्ञापन
चंदौली जिले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रदेश में वाराणसी व आगरा मंडल के बिजली निजीकरण के खिलाफ राज्य कमेटी के आह्वान पर नगर में जुलूस निकालकर गांधी पार्क में एकदिवसीय धरना दिया। धरने के उपरांत राज्यपाल के नाम लिखे ज्ञापन को उप जिलाधिकारी को सौंपा गया।

आपको बता दें कि धरने के दौरान वक्ताओं ने कहा कि बिजली का निजीकरण करने से प्रदेश की वर्तमान सरकार की किसान विरोधी मंशा साफ झलक रही है। निजीकरण का फैसला गरीब तबके और आम लोगों की जेब पर भारी पड़ेगा। वक्ताओं ने एक स्वर से वाराणसी व आगरा मंडल के बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लेने, स्मार्ट मीटर लगाना बन्द करने, 300 यूनिट बिजली सभी को फ्री देने की मांग की।

इस दौरान मुख्य रूप से कामरेड शम्भूनाथ यादव, महानन्द, लालमनी विश्वकर्मा, राजेन्दर यादव, परमानंद, भृगुनाथ विश्वकर्मा, लालचंद एडवोकेट, चौथी, जयनाथ सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
बताते चलें कि पीडीडीयू नगर तहसील में भी बुधवार को पूर्वाचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में भारत की कम्युनस्टि पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्यों ने प्रदर्शन कर जुलूस निकाला। वहीं उपजिलाधिकारी कार्यालय में मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र सौंपा।
राज्य कमेटी सदस्य गुलाब चन्द ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बिजली के निगमों के घाटे का बहाना बनाकर जनता को गुमराह कर रही है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर और नजीकरण के रास्ते पूंजीपति मित्रों की मदद कर रही है। अब बिजली का निजीकरण आम जनता के सामने बेतहाशा मुश्किलों को बढ़ाएगा और आम जनता खासकर गरीब, मजदूर, किसान को बिजली जला पाना मुश्किल हो जाएगा। विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के फैसले से आम जनता को पूंजीपति अपने मुनाफे के लिए निचोड़ने का ही काम करेंगे।
मांग किया कि जनता के हित में बिजली के निजीकरण का अपना फैसला सरकार तत्काल वापस ले।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*