बबुरी में CHC बनकर तैयार, जल्द मिलने लगेगी इलाज की सुविधा

बबुरी इलाके के लोगों को मिलेगी राहत
अब चकिया और चंदौली का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं
स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर होने वाली है बिल्डिंग
चंदौली जिले के बबुरी में निर्माणधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है। इसके बन जाने से अब लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा वहां मिलने लगेगी। कार्यदायी संस्था इसे जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर देगी। इसके बाद यहां ओपीडी के साथ मरीजों को भर्ती करने का काम शुरू हो जाएगा। जिससे क्षेत्रीय लोगों को अब चकिया और चंदौली जिला अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

हालांकि इसे मार्च तक सौंपना था लेकिन कुछ फिनिशिंग का काम रह जाने के कारण इस महीने के आखिर तक इसे स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित करने की तैयारी है। क्षेत्र के लोगों को सरकारी चिकित्सा सेवा सस्ती और बेहतर उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2014 में इसका शिलान्यास 3.74 करोड़ की लागत से हुआ था। इसके बाद काम शुरू हुआ लेकिन कुछ काम हुआ इसके बाद निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत के बाद मामला जांच में फंस गया। तब से इसका निर्माण लटका हुआ था। पिछले साल इसके बनने का रास्ता साफ हुआ। तब से इसका निर्माण कार्य चल रहा था। अब इसका भवन लगभग बनकर तैयार हो चुका है। इसे कार्यदायी संस्था जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को सौंप देगी। इसके बन जाने से लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलने लगेगी।

ये मिलेंगी सुविधाएं
अब तक कोई अस्पताल की सुविधा नहीं होने से ग्रामीणों को बेहतर इलाज के लिए 15 से 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। लेकिन इस सीएचसी के शुरू होने के बाद उन्हें अपने ही क्षेत्र में सरकारी और उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं, प्रसूति कक्षपैथोलॉजी, एक्स-रे, दवा वितरण केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। स्थानीय लोगों ने इस परियोजना के शीघ्र पूर्ण होने पर खुशी जाहिर की है और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जताई है।
SIT जांच में बीत गए 10 साल
सीएचसी बहुरी का काम शुरू होने के बाद अधूरा भवन तैयार हुआ तब तक निर्माण में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का मामला सामने आ गया। इसके बाद इसकी जांच एसआईटी को चली गई। तब से यह जांच में फंसा हुआ था। इसके बाद क्षेत्रीय लोगों के साथ ही विधायक रमेश जायसवाल ने भी इसके निर्माण का मुद्दा सदन में उठाया था। उसके बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और शासन से 2.5 करोड़ राशि जारी किया गया है। यह परियोजना लंबे समय तक एसआईटी जांच के कारण लम्बित रही। जिसके बाद पिछले एक वर्ष से काम शुरू होने के बाद अपने मूर्त रूप में बनकर तैयार हो चुकी है। क्षेत्र के करीब सौ गांवों के लोगों को चिकित्सकीय सुविधा का लाभ मिलेगा।
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