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धपरी में शिवलिंग स्थल पर मंदिर निर्माण को लेकर नया विवाद, भारी फोर्स की तैनाती..देखें वीडियो

धपरी गांव में शिवलिंग की आकस्मिक प्राप्ति ने जहां धार्मिक आस्था को मजबूत किया, वहीं जमीन के स्वामित्व और साम्प्रदायिक संवेदनशीलता के कारण विवाद ने जन्म ले लिया।
 

जमीन की पैमाइश के बाद नए तरह का विवाद

ग्रामीणों की पूजा अर्चना और भजन-कीर्तन से माहौल गरमाया

भाजपा नेता राणा प्रताप सिंह भी रहे मौके पर मौजूद

आप खुद देख लीजिए वीडियो

चंदौली जिले के अलीनगर क्षेत्र अंतर्गत धपरी गांव में बीते शनिवार को एक निर्माणाधीन भूमि में खुदाई के दौरान निकले प्राचीन शिवलिंग को लेकर विवाद अब नया मोड़ ले चुका है। सोमवार को गांव की महिलाओं और पुरुषों ने जहां उस स्थल पर पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन शुरू कर धार्मिक रंग दे दिया, वहीं जमीन के स्वामित्व और मंदिर निर्माण की जगह को लेकर सामाजिक व राजनीतिक तनाव भी उभर आया।

शिवलिंग स्थल पर ग्रामीणों की आस्था का इज़हार
धपरी निवासी सकलैन अपने निजी भूखंड पर निर्माण कार्य करा रहे थे, तभी खुदाई में शिवलिंग जैसी आकृति प्रकट हुई। जैसे ही यह खबर फैली, ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जुट गई और लोगों ने वहां पूजा शुरू कर दी। सूचना पर पहुंचे एसडीएम अनुपम मिश्रा ने उस शिवलिंग को पास के एक मंदिर में शिफ्ट करा दिया था, जिससे ग्रामीण नाराज हो गए।

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सोमवार को बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर पहुंचीं और वहां से शिवलिंग को वापस लाकर उसी स्थान पर स्थापना कर पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि जहां से शिवलिंग निकला, वहीं मंदिर का निर्माण हो, और इसे हटाना धार्मिक भावना के विरुद्ध है।

पुलिस-प्रशासन और ग्रामीणों में टकराव
पूरे मामले में पुलिस और ग्रामीणों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अलीनगर थाना पुलिस ने शिवलिंग हटाए जाने का विरोध करने वालों पर कार्रवाई की धमकी दी। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति को संभालने मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी कृष्ण मुरारी शर्मा ने लोगों को शांत कराया।

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एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार राहुल सिंह और अमित कुमार सिंह, लेखपालों के साथ पहुंचे और पूरे इलाके की सरकारी नापी व पैमाइश करवाई गई। इस दौरान दो आराजियों की जांच की गई—731 नंबर ग्राम समाज की भूमि और 732 नंबर की भूमि जो सकलैन के बहनोई अख्तर के नाम दर्ज है।

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राजनीतिक बयानबाजी से गरमाया माहौल
घटना स्थल पर पहुंचे भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने कहा कि यदि गांव समाज की जमीन उपलब्ध है तो मंदिर वहीं बनना चाहिए, किसी एक समुदाय के व्यक्ति की दान में दी गई जमीन की आवश्यकता नहीं है। उनके इस बयान से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। मौके पर अतिरिक्त फोर्स तैनात करनी पड़ी।

 सहमति की ओर बढ़ता समाधान
हालांकि प्रशासन ने स्थिति को समय रहते संभाल लिया। बातचीत के बाद यह सहमति बनी कि पूरी जमीन की नापी के बाद शिवलिंग की स्थापना किसी सार्वजनिक स्थान पर की जाएगी, जिससे सभी समुदायों में आपसी सहमति बनी रहे और धार्मिक भावनाएं आहत न हों।

धपरी गांव में शिवलिंग की आकस्मिक प्राप्ति ने जहां धार्मिक आस्था को मजबूत किया, वहीं जमीन के स्वामित्व और साम्प्रदायिक संवेदनशीलता के कारण विवाद ने जन्म ले लिया। फिलहाल प्रशासन न्याय और शांति के संतुलन के साथ समाधान की दिशा में प्रयासरत है। ग्रामीणों की मांग है कि श्रद्धा के इस प्रतीक का उचित सम्मान हो और मंदिर निर्माण वहीं हो जहां “बाबा” प्रकट हुए।

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