अब होगी एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी जांच, अप्रैल महीने से मिल सकती है सुविधा

जिला अस्पताल में ही पेट व आंत की बीमारियों की होगी जांच
अच्छी जांच मशीन से उपचार में होगी आसानी
मशीन क्रय करके सुविधा देने की हो रही है तैयारी
चंदौली जिले में चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला अस्पताल में एक और सुविधा मरीजों को मिलने जा रही है । यहां एंडोस्कोपी व क्रोनोस्कोप (कोलोनोस्कोपी) जांच होगी। महाविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए मशीनें मंगवाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। मशीन शासन स्तर से क्रय किया जाएगा। इसके लिए महाविद्यालय प्रशासन ने एनएचएम के निदेशक को पत्र लिखा है।

प्रशासन का दावा है कि अप्रैल से इस जांच की सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी। जनपद की 24.50 लाख आबादी बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए जिला अस्पताल पर निर्भर है। नगर व ग्रामीण इलाकों के साथ ही समीपवर्ती बिहार से भी प्रतिदिन मरीज उपचार कराने अस्पताल पहुंचते हैं। स्थिति यह है कि प्रतिदिन ओपीडी 1500 से दो हजार के आसपास होती है। इसमें करीब 800 मरीजों को चिकित्सकों की ओर से विभिन्न प्रकार की जांच के लिए लिखा जाता है। इनमें करीब 275 मरीज पेट संबंधित बीमारी से पीड़ित होते हैं। प्रतिदिन 50 से 60 मरीजों को एंडोस्कोपी जांच लिखी जाती है। ऐसे में मरीजों को वाराणसी जाना पड़ता है। ऐसे में उन्हें आर्थिक दंश भी झेलना पड़ रहा है।
इस व्यवस्था से पेट व आंत संबंधित बीमारियों के साथ ही पूरे शरीर की जांच की सुविधा मिलेगी। ऐसे में मरीजों को निजी जांच केंद्रों और दूसरे जनपदों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। वहीं, मरीज का सही उपचार करने में चिकित्सकों को सहूलियत होगी।
निजी लैब में महंगे दर पर होती हैं ये जांचें
एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी जांच के लिए मरीजों को वाराणसी की दौड़ लगानी पड़ती है। निजी लैब में इसकी जांच दर मंहगी है। मरीजों का कहना है कि छह से आठ हजार रुपये शुल्क लिया जाता है।
इस सम्बंध में चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अमित सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। इसी क्रम में एंडोस्कोपी व कोलोनोस्कोपी जांच की भी व्यवस्था कराई जा रही है । शासन को मशीन क्रय कर उपलब्ध कराने के लिए पत्राचार किया गया है। अप्रैल से सुविधा मिलने लगेगी।

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