पूर्व विधायक साधना सिंह का हल्ला बोल आरोप- हार के लिए विधायक जिम्मेदार, जिलाध्यक्ष दें इस्तीफा
भाजपा नेता साधना सिंह की चंदौली समाचार से खास बातचीत
रमेश जायसवाल की हरकतों से हारे चुनाव
अभिमन्यु सिंह दें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा
जो अपना बूथ न जीत पाया-वो क्या जिताएगा चेयरमैन
चंदौली जिले में मुगलसराय की पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता साधना सिंह ने चंदौली नगर पंचायत और पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायक रमेश जायसवाल और जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह के सिर पर फोड़ने की कोशिश की है और उन्होंने हार की नैतिक जिम्मेदारी विधायक को लेने की बात कही और जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह से इस्तीफे तक की मांग कर दी है।
मुगलसराय की पूर्व विधायक और व्यापारी नेता साधना सिंह ने कहा है कि जब तक पार्टी के अंदर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और नेताओं की उपेक्षा होती रहेगी, भारतीय जनता पार्टी ऐसे ही जीती हुई सीटों को हारती रहेगी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसका संज्ञान लेना चाहिए और तत्काल हार के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
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विधायक हार के लिए सीधे जिम्मेदार
चंदौली समाचार के साथ खास बातचीत में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व विधायक और व्यापार मंडल की नेता साधना सिंह ने कहा कि चंदौली जिला मुख्यालय पर उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत के साथ जीत दिलाई थी और इसके लिए उन्होंने घर-घर जाकर भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति के प्रत्याशी के लिए वोट मिला था। उसी का नतीजा था कि चंदौली जिला मुख्यालय पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी अपना चेयरमैन बनाने में सफल हो गई थी। साथ ही मुगलसराय में भी भारी बहुमत से पार्टी की जीत हुयी थी। लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी की राज्य और केंद्र में सरकार है और भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी यहां मौजूद हैं। वहां पर भाजपा अपनी जीती हुई सीट हार गई है। इसके लिए मुगलसराय के विधायक रमेश जायसवाल को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
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जायसवाल बिरादरी की राजनीति से हो रहा नुकसान
पूर्व विधायक ने कहा कि यह हार उनकी कुछ ऐसी हरकतों की वजह से हुई है, जिससे उन्होंने ना सिर्फ व्यापारी वर्ग का सम्मान कम किया है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के सपोर्टर लोगों को भी नुकसान पहुंचाने का काम किया है। रमेश जायसवाल केवल जायसवाल बिरादरी की राजनीति करने के चक्कर में भारतीय जनता पार्टी का नुकसान कर रहे हैं। व्यापारी वर्ग के लोगों को भारतीय जनता पार्टी को वोट करने के लिए शपथ दिलाने का जो नाटक किया था, वह भारतीय जनता पार्टी के हार का प्रमुख कारण रहा है। विधायक की इस हरकत की वजह से अन्य वर्ग के लोग भारतीय जनता पार्टी से दूर चले गए। क्योंकि वैश्य समाज या व्यापार करने वाले लोगों में केवल बनिया बिरादरी के ही लोग नहीं हैं, जो व्यापार करता है वह व्यापारी है। उसमें हर जाति, हर धर्म और संप्रदाय के लोग शामिल हैं।
हीरा से लेकर खीरा बेचने वाले की हो राजनीति
साधना सिंह ने कहा कि उन्होंने हीरा से लेकर खीरा बेचने वाले व्यापारी को साथ ले चलने की कोशिश की और अपने कार्यकाल में पार्टी को मजबूत करने के लिए वह छोटे से छोटे कार्यकर्ता और नेता को आगे चलने के लिए कहकर खुद पीछे चलने का काम किया। लेकिन वर्तमान समय में सत्ता के नशे और विधायकी के घमंड में चूर हैं। उन्हें किसी की जरूरत ही नहीं है। वही हाल पार्टी के जिलाध्यक्ष का है, जो जिले के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और नेताओं को पूछते ही नहीं हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी चुनाव हारेगी ही।
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बिना बुलाए बैठकों में जाकर करती हैं काम
साधना सिंह ने कहा कि पार्टी की कार्यकर्ता होने के कारण वह भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों में खुद बिना बुलाए जाया करती थीं और उनकी ओर से जितना हो सका उन्होंने नगर निकाय चुनाव में मदद की। जिन सभासदों और अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों ने उनकी मदद मांगी, उन्होंने उनकी भरपूर मदद करने की भी कोशिश की। लेकिन विधायक और जिलाध्यक्ष ने अपनी ओर से प्रचार के लिए कोई पहल नहीं की और ना ही बैनर पोस्टर पर उनको कोई स्थान दिया गया है। ऐसे में हो सकता है उनके समर्थक भारतीय जनता पार्टी से दूर चले गए हों। यह पार्टी को सोचना चाहिए कि पूर्व विधायक का किस तरह से चुनाव प्रचार में इस्तेमाल करना है।
जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह से मांगा इस्तीफा
साधना सिंह ने जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह के खिलाफ भी खुलकर बोला और कहा कि जिले में मुगलसराय की सीट किन्नर ने जीत ली और जिला मुख्यालय की सीट भारतीय जनता पार्टी के हाथ से निकल गई। ऐसे में जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। उनको जिला अध्यक्ष बने रहने का कोई भी अधिकार नहीं है।
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जो अपना बूथ न जीते, वो क्या चेयरमैन जिताएगा
साधना सिंह रमेश जायसवाल के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि वह केवल जायसवाल की राजनीति कर रहे हैं, जबकि वैश्य समाज में और भी लोग आते हैं। जायसवाल समाज के वोटों की ठेकेदारी करके वह भारतीय जनता पार्टी का भला नहीं कर सकते हैं। साधना सिंह यह भी कहा कि उन्होंने अपना बूथ जीता है। जब तक विधायक-सांसद या पार्टी का कोई पदाधिकारी अपना बूछ नहीं जीत सकता, तो वह पूरे इलाके में जीत की गारंटी कैसे ले सकता है। मैंने अपना बूथ जीता और अपने पड़ोस का बूथ भी जिताया है। रमेश जायसवाल ने अपने इलाके में क्या किया है आप उनसे पूछ सकते हैं। उन्हें तो अपने बूथ पर भी वोट नहीं मिला। उससे साफ पता चलता है कि रमेश जायसवाल अपने बूथ को भी जीतने में असफल रहे हैं। ऐसे में वह नगर पंचायत और नगर पालिका के अध्यक्ष को कैसे जीत दिला सकते हैं।
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