मॉर्निंग वॉक के लिए निकल रहे थे, लोअर टीशर्ट में जेल गए थानाध्यक्ष सुधीर कुमार आर्य
सरकारी आवास से निकलते समय पकड़े गए थाना प्रभारी
रास्ते के लिए ले लिया दो पैकेट खैनी
कांस्टेबल संजय यादव को थाने से भगाना पड़ा महंगा
सीएचसी नौगढ़ पर कराया गया मेडिकल
फिर भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय वाराणसी में हुए पेश
बताया जा रहा है कि दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। 6 अप्रैल को पुलिस क्षेत्राधिकारी नौगढ़ कृष्ण मुरारी शर्मा ने एक लाख रुपए की सौदेबाजी कर रहे सिपाही का रिश्वत लेने का ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद रात में ही आरोपी कांस्टेबल संजय यादव को थानाध्यक्ष सुधीर कुमार आर्य ने थाने से भगा दिया था। हालांकि मामले की सीओ चकिया आशुतोष तिवारी विवेचना कर रहे थे। जिससे मामला गंभीर दिखने पर कार्रवाई तय मानी जा रही थी।
वायरल ऑडियो क्लिप में कांस्टेबल के द्वारा एक लाख रुपए में मामले को डील करने की बात की जा रही थी, उसमें थानाध्यक्ष का भी जिक्र है। पैसा मिलने के बाद आधा दर्जन पकड़े गए पशु तस्करों में एक आरोपी को कच्ची शराब बनाने के आरोप में जेल भेजकर मामले को रफादफा कर दिया गया। मामले की जांच कराई गई तो आरोप सही साबित हुए।
कहा जा रहा है कि इस प्रकरण में चकरघट्टा थाने में ही कांस्टेबल संजय यादव, दरोगा सुधीर कुमार आर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया। शुक्रवार को सुबह एसपी डॉ अनिल कुमार के निर्देश पर सीओ चकिया के नेतृत्व में थाना प्रभारी चकिया अतुल प्रजापति और रामपुर चौकी इंचार्ज अभिनव गुप्ता ने आरोपी दरोगा को सुबह आठ बजे सरकारी आवास से पकड़कर लॉकअप में डाल दिया गया। कुछ देर बाद चकरघट्टा थाने से उसे सीओ कार्यालय नौगढ़ लाया गया, सीएचसी नौगढ़ पर मेडिकल कराने के बाद भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय वाराणसी में पेश किया गया।
आपको बता दें कि 45 वर्षीय इंस्पेक्टर सुधीर कुमार आर्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। एसपी के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं वसूली बाज थानेदारों व उनके कारखासों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
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